(कहते हैं) ‘उत्तर प्रदेश में न केवल मुसलमान, अपितु हिन्दू तालिबानी भी हैं !’ – गीतकार मुनव्वर राणा

  • यदि हिन्दू तालिबानी होता, तो अब तक भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित कर दिया जाता एवं अन्य धर्मों का वंशविच्छेद कर दिया जाता ; परंतु, हिन्दू वास्तव में ऐसे नहीं होने के कारण देश में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी अल्पसंख्यक धर्मांधों द्वारा निरंतर पीटा जा रहा है । यदि कोई हिन्दू तालिबानी होता, तो क्या मुनव्वर राणा यह बात कहने के लिए जीवित होते ? – संपादक
  • देशप्रेमी हिन्दुओं को लगता है, कि तालिबानियों का इस प्रकार से समर्थन करने वालों को तत्काल बंदी बना कर आजीवन कारागृह में डालने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने चाहिए ! – संपादक
गीतकार मुनव्वर राणा

लक्ष्मणपुरी (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) – ‘उत्तर प्रदेश में कुछ तालिबानी हैं । यहां केवल मुसलमान ही नहीं ; अपितु हिन्दू तालिबानी भी हैं । क्या आतंकवादी केवल मुसलमान होता है ? वह हिन्दू भी हो सकता है । (क्या हिन्दू आतंकवादी होने का एक भी उदाहरण है, मुनव्वर राणा के पास ? इसके विपरीत, मुसलमान आतंकवादी हैं, इसे प्रमाणित करने की भी आवश्यकता नहीं है ! – संपादक) म. गांधी सरल थे । नाथूराम गोडसे तालिबानी था । (म. गांधी ने भारत के विभाजन को मान्यता देकर हिन्दुओं के साथ विश्वासघात किया । इस निर्णय के कारण दस लाख हिन्दू मारे गए ।इसका मुनव्वर राणा एवं सभी गांधी प्रेमियों ने सदैव स्मरण रखना चाहिए ! – संपादक) उत्तर प्रदेश में तालिबानियों जैसे कृत्य किए जा रहे हैं ।’ ऐसे वक्तव्य राज्य के गीतकार मुनव्वर राणा ने एक समाचार एजेंसी के साथ किए भेंटवार्ता में दिए । (मुनव्वर राणा को यह भी बताना चाहिए, कि कश्मीर में गत ३० वर्षों से हिन्दुओं के संबंध में देशद्रोही धर्मांधों द्वारा क्या काम किया जा रहा है ! – संपादक)

मुनव्वर राणा द्वारा दिए गए कुछ वक्तव्य !

१. ‘अफगानिस्तान की तुलना में हमारे पास अधिक क्रूरता है ।’ (यदि इतनी क्रूरता होती, तो मुनव्वर राणा इस प्रकार के हिन्दू-विरोधी वक्तव्य देने का साहस नहीं करते एवं वक्तव्य देने के पश्चात उनके साथ क्या हुआ होता, यह उन्हें ध्यान रखना चाहिए । वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है ! – संपादक) ‘पहले ‘राम-राज्य’ था तथा अब ‘काम-राज्य’ है ।’ (संसार में कुल ५२ मुसलमान राष्ट्र हैं एवं उनमें से कितनों में ‘राम राज्य’ है, यह मुनव्वर राणा बताएं ! राम-राज्य केवल भारत में था एवं भविष्य में भी आएगा । इस्लामी देशों में मानवाधिकारों के हनन एवं दुराचार को देखते हुए, किसी के द्वारा यह कहने पर कोई आश्चर्य नहीं होगा कि वहां ‘रावण राज्य’ है ! – संपादक)

२. ‘भारत को तालिबान से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है ; क्योंकि, अफगानिस्तान सहस्रों वर्षों से हमारे साथ है । उसने भारत को कभी हानि नहीं पहुंचाई ।’ (नादिर शाह एवं अब्दाली ने अनेक बार भारत पर आक्रमण कर करोडों रुपयों की संपत्ति लूट ली । उन्होंने हिन्दू महिलाओं का अपहरण किया, पानीपत युद्ध के पश्चात सैकडों मराठों को बंदी बना लिया एवं उन्हें अफगानिस्तान ले गए । मुनव्वर राणा यह इतिहास क्यों भूल रहे हैं ? – संपादक ) ‘जब तालिबान नेता मुल्ला उमर अफगानिस्तान में सत्ता में था, तब भी उसने किसी भी भारतीय को हानि नहीं पहुंचाई ।’ (तालिबान शासन के काल में सैकडों हिन्दुओं एवं सिखों को पलायन करना पडा था । आज भी लाखों अफगान पुरुष एवं महिलाएं वहां से पलायन कर रहे हैं, यह बात मुनव्वर राणा को नहीं दिखाई देती है अथवा क्या वे जानबूझकर उसे अनदेखा कर रहे हैं ! – संपादक) ‘क्योंकि, उसके पूर्वज भारत से धन अर्जित कर गए हैं ।’ (धन अर्जित कर नहीं, अपितु लूटकर गए हैं ! इस प्रकार मुसलमान आक्रमणकारियों का पक्ष लेने वालों को कारागृह में बंदी बनाना ही चाहिए ! – संपादक)

३. ‘जितनी एके-४७ राइफलें तालिबान के पास हैं, उतनी भारतीय माफियाओं के पास हैं । तालिबानी लूटकर अथवा मांग कर शस्त्र लेते हैं ; परंतु, यहां माफिया शस्त्रों का क्रय करते हैं ।’ (ऐसे शस्त्रों का क्रय करने के पीछे अधिकतम धर्मांध हैं, यह मुनव्वर राणा क्यों नहीं बताते ? – संपादक)

४. ‘धर्मांतरण जैसे सूत्र देश को हानि पहुंचाते हैं ।’ (मुगल आक्रमणकारियों द्वारा तलवार के बल पर भारत में किए लाखों हिन्दुओं के धर्मांतरण के इतिहास के संबंध में मुनव्वर राणा चुप क्यों है ? मुनव्वर राणा ने यह भी बताना चाहिए कि उनके पूर्वज अरब देशों से हैं अथवा भारत से ! – संपादक)

५. ‘हमारी यही इच्छा है कि हमारा देश पूर्व में जैसा था वैसे पुनः हो ।’ (हिन्दुओं की भी यही अपेक्षा है कि भारत पर इस्लामी आक्रमण से पूर्व भारत देश जैसा, स्वर्ण की चिडिया था, वैसा पुनः बनना चाहिए । उसे विश्वगुरु बनना चाहिए । मुनव्वर राणा को ध्यान रखना चाहिए, कि आगामी कुछ वर्षों में ऐसी स्थिति आएगी ! – संपादक)