प्रथम पत्नी का पोषण करने में असक्षम मुसलमान दूसरा विवाह नहीं कर सकता !
जिस समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता, वह समाज सभ्य नहीं समझा जाता । महिलाओं का सम्मान करनेवाला देश ही सभ्य देश कहा जा सकता है । मुसलमानों को चाहिए कि अपनी प्रथम पत्नी रहते हुए दूसरा विवाह करने से स्वयं को रोकें । कुरान में एक पत्नी को न्याय न देनेवाले को दूसरा विवाह करने की अनुमति नहीं दी गई है ।