नई दिल्ली- बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तस्लिमा नसरीन ने बांग्लादेश के हालात, आतंकवाद, महिलाओं की स्थिति पर टिप्पणी की है। आतंकवाद एक दिन में पैदा नहीं होता । उन्होंने कहा है कि सबसे पहले कट्टरता पैदा होती है । बांग्लादेश में छात्रों को भड़काने वाले लोग अलग-अलग हैं । तस्लीमा नसरीन ने कहा कि इन सबके पीछे कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप का हाथ है । तस्लीमा नसरीन ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है ।
Islamist radicals are attempting to transform Bangladesh into a state akin to Afghanistan warns exiled writer-activist Taslima Nasrin. Highlighting increased violence against Hindus, attacks on freedom fighters’ statues, and youth indoctrination, she calls for urgent action to… pic.twitter.com/p3CVsmok6Q
— Centre for Integrated and Holistic Studies (@cihs_india) September 9, 2024
तस्लीमा नसरीन ने आगे कहा…
१. ८० के दशक तक मस्जिद में सिर्फ बूढ़े लोग ही जाते थे । अब बच्चे, जवान सब जा रहे हैं । सडक बंद करके नमाज अदा की जाती है । आतंकवाद एक दिन में पैदा नहीं होता । पहले धर्मांधता पैदा होती है, फिर कट्टरवाद पैदा होता है और फिर आतंकवाद पैदा होता है। इसके लिए लंबे समय तक इस्लामिक तरीके से बौद्धिक भेदभाव किया जाता रहा है ।
२. ‘हमें मदरसों की जरूरत नहीं है’, मैं पिछले ४० साल से कहती आ रही हूं । घर में धर्म और स्कूल में शिक्षा सिखाओ। मस्जिद बनाने से बेहतर स्कूल, प्रयोगशालाएं बनाएं। बच्चों को विज्ञान से लेकर सभी विषय पढ़ाएं। एक के बाद एक आने वाली सरकारों ने धर्मांधता को बढ़ावा दिया है और कट्टरपंथियों को प्रोत्साहित किया है।