ढाका (बांग्लादेश) – मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश में अराजकता को रोकने में विफल रही है । अंतरिम सरकार ने सेना को देशभर में विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट का अधिकार दे दिया है । बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है । इसके अनुसार, सैन्य अधिकारी अगले ६० दिनों तक बांग्लादेश में जिला मजिस्ट्रेटों की देखरेख में कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर सकते हैं । ये निर्देश पूरे बांग्लादेश के लिए मान्य है ।
Alarm bells ring as Bangladesh’s interim government led by Prof. Muhammad Yunus grants army special executive magistrate powers!
Is democracy dwindling in Bangladesh ?
Key Concerns:
– Military control looming
– Erosion of civilian authority
– Pakistan-like scenario unfolding pic.twitter.com/uSGPZPfFUC— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 18, 2024
मजिस्ट्रियल शक्तियां प्राप्त होने के बाद, सैन्य अधिकारियों के पास लोगों को बंदी बनाने एवम गोली चलाने का अधिकार होगा। कोई अधिकारी आत्मरक्षा में या आवश्यकता पड़ने पर गोली भी चला सकता है। इस निर्णय के पीछे का कारण बताते हुए सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने कहा, ”हम कई स्थानों पर विनाशकारी गतिविधियां एवं समस्या उत्पन्न करने वाली स्थिति देख रहे है । स्थिति को देखते हुए सैन्य अधिकारियों को दंडाधिकारी का अधिकार दिया गया है ! माना जा रहा है कि सैन्य अधिकारी इस अधिकार का दुरुपयोग नहीं करेंगे। एक बार स्थिति में सुधार होने पर, सैन्य अधिकारियों को मजिस्ट्रेट के अधिकार की आवश्यकता नहीं होगी।
५ अगस्त को शेख हसीना के देश से भाग जाने के पश्चात बांग्लादेश में अराजकता का वातावरण है। पुलिस पर बड़े स्तर पर आक्रमण किये गये। पुलिस थाने तथा पुलिस की गाड़ियाँ जला दी गईं। पुलिस को अपनी प्राण रक्षा के लिए छिपना पड़ा । बांग्लादेश पुलिस सूत्रों के अनुसार, ६६४ में से ४५० पुलिस स्टेशनों पर आक्रमण किया गया।
संपादकीय भूमिका
|