Russia Chinese Invasion : रूस का पूर्वी भू-भाग निगलना चाहता है चीन !
रूसी सेना के २००८ से २०१४ के बीच हुए युद्ध से जुडे कुछ कागज पत्र प्रकाशित हुए हैं। उन से रूस और चीन दोनों के बीच का अविश्वास खुलकर सामने आ गया है।
रूसी सेना के २००८ से २०१४ के बीच हुए युद्ध से जुडे कुछ कागज पत्र प्रकाशित हुए हैं। उन से रूस और चीन दोनों के बीच का अविश्वास खुलकर सामने आ गया है।
चीन ने दावा करते हुए कहा है, ‘प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ स्थिति सामान्य है ।’ कुछ दिन पूर्व भारत के रक्षा सचिव गिरीधर अरमाने ने कहा था, ‘सीमा पर चीन दादा गिरी कर रहा है एवं भारतीय सेना उसका धीरज से सामना कर रही है ।’
द्रमुक को इस संदर्भ में केंद्र सरकार एवं जनता ने आडे हाथ लेना आवश्यक है ! साथ ही इसके विरुद्ध पुलिस में अपराध प्रविष्ट करने के लिए बाध्य करना चाहिए !
इन पटाखों के निर्माण में जस्ता और लिथियम का उपयोग अधिक मात्रा में होने के कारण इनसे श्वास-रोग हो सकते हैं; फिर भी ऐसा किया जाता है !
विश्व के श्रेष्ठ एवं बलशाली देशों को अपने आचरण एवं कार्याें से विश्व को मानवता का श्रेष्ठ संदेश देना चाहिए । जो देश अपने साम्राज्य का विस्तार तथा स्वयं की श्रेष्ठता सिद्ध करने का प्रयास करता है, उसमें तथा डकैत में कोई अंतर है, ऐसा नहीं कहा जा सकता ।
पिछले दो दशकों में चीन की अर्थव्यवस्था रॉकेट की गति से बढी । भले ही ऐसा हो; परंतु अब स्थिति में परिवर्तन आया है । चीनी अर्थव्यवस्था अब संघर्ष कर रही है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छे दिन आए हैं ।
जब मालदीव आत्महत्या की दिशा में बढ रहा है तो भारत के लिए भी उसका बड़ा संकट है । इसलिए भारत को समय रहते इस स्थिति पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मालदीव को चीनी नियंत्रण में जाने से रोका जा सके।
भारतद्वेषी चीन का पक्ष लेकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपने देश को संकट की खाई में ढकेल रहे हैं । इससे मालदीव का आत्मघात ही होनेवाला है, यह आनेवाला समय उन्हें दिखा देगा, इसमें कोई संदेह नहीं है !
हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों का सामना करने के लिए भारत यह युद्धाभ्यास कर रहा है ।
इस वीडियो में भारत और चीन के सैनिक ‘जय श्रीराम’ की घोषणाएं करते हुए दिख रहे हैं । दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो वास्तविक नियंत्रण रेखा का है ।