China Stops Funding CPEC : ‘सीपीईसी’ परियोजना में चीन ने पाकिस्तान को उसके हाल पर छोड दिया !

चीन के द्वारा पैसे देना बंद करने से ‘सीपीईसी’अंतर्गत महत्त्वपूर्ण ‘मेनलाइन-१’ परियोजना हुई ठप्प !

(सीपीईसी का अर्थ है चीन-पाकिस्तान आर्थिक महामार्ग)


इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – चीन ने पाकिस्तान के साथ के अनुबंध के अनुसार पैसे देना बंद करने से पाकिस्तान संकट में फंस गया है । पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार ने ‘चीन-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’के (‘सीपीईसी’, अर्थात ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक महामार्ग के) अंतर्गत ६.७ अरब डॉलर्स की (५६ सहस्र करोड रुपए की ) महत्त्वपूर्ण मेनलाइन-१ (एम्.एल्.-१) परियोजना की स्वीकृति आगे बढा दी है ।

१. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री तथा विदेशमंत्री इशाक दार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया । चीन ने सीपीईसी परियोजना हेतु पैसे देना बंद करने के कारण पाकिस्तान को यह परियोजना पूर्ण करना कठिन बन गया है ।

२. तथापि परिषद की बैठक में चीन द्वारा वित्तीय आपूर्ति किए गए दो परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई । इसके अंतर्गत ग्वादर में हवाई अड्डे का निर्माण किया जाएगा तथा एक महत्त्वपूर्ण सडक पूर्ण की जाएगी ।

३. इससे पूर्व वित्त मंत्रालय द्वारा व्यक्त की गई चिंता की अनदेखी कर पाकिस्तान की गठबंधन सरकार ने एम्.एल्.-१ परियोजना को स्वीकृति दी थी ।

४. विशेष बात यह कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कुछ ही दिन पूर्व सीपीईसी परियोजना हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु चीन की यात्रा की थी; परंतु उन्हें कुछ भी करना संभव नहीं हुआ । उसके विपरीत चीनी अधिकारियों ने पाकिस्तान की व्यापक वित्तीय आवश्यकताएं तथा प्रचंड विदेशी ऋण के कारण पाकिस्तान की सीमित क्षमता को देखते हुए ‘एम्.एल्.-१’ रेल परियोजना को योजनाबद्ध पद्धति से पूर्ण करने का सुझाव दिया ।

चीन ने खर्चा अल्प करने के लिए कहा !

योजना आयोग के अधिकारियों के अनुसार चीन ने इससे पूर्व सीपीईसी परियोजना की लागत एक तिहाई न्यून कर ६.७ अरब डॉलर्स करने के लिए कहा था । उसके कारण योजना आयोग ने इस परियोजना को अव्यवहार्य घोषित किया ।

संपादकीय भूमिका 

स्वार्थांध चीन की मनोवृत्ति पाकिस्तान का वस्त्रहरण करेगी, यह तो सर्वविदित ही था । चीन पर निर्भर पाकिस्तान की स्थिति अब और दयनीय होगी, यह निश्चित है ! भारतद्वेष के चलते चीन से निकटता बढानेवाले पाकिस्तान के लिए इससे बडा दंड और क्या होगा ?