अमेरिकी अहवाल से जानकारी
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध, साथ ही इज़राइल-हमास युद्ध ज्वलंत विषय हैं, दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव और चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ का भारत की सीमा पर अपनी स्थिति को दृढ़ करना इसकी उपेक्षा नहीं किया जा सकता है। यु.एस. इंटेलिजेंस कम्युनिटी के अहवाल मे वार्षिक संकट के आकलन में यह बताया गया है। यह चीन और भारत के बीच सीमा तनाव को दुनिया के अन्य सभी संघर्षों, संकटों और तनावों में से एक मानता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर तनाव के कारण दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे। जून २०२० में गलवान झड़प को छोड़कर दोनों देशों के बीच सीमा पर कोई बड़ी मुठभेड़ नहीं हुई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अनिश्चित काल के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है।
अप्रैल २०२४ में, ‘यू.एस. आर्मी वॉर कॉलेज के रणनीतिक अध्ययन संस्थान ने वर्ष २०२०-२१ के दौरान अक्साई चीन में पहाड़ी सीमा पर चीनी सैन्य गतिविधियों की गहन जांच पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुख्य लेखक, डेनिस ब्लास्को, एक पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारी हैं जो बीजिंग और हांगकांग के बीच काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि चीन अक्साई क्षेत्र से सेना हटाने के लिए भारतीय सेना और सरकार के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन वह अक्साई चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा और डोकलाम सीमा पर अनिश्चित काल तक अपनी सेना तैनात करना जारी रखेगा।
संपादकीय भूमिका
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