नेपाल चीन की महामार्ग परियोजना में सम्मिलित होने की तैयारी में !

चीन के इस प्रकल्प का भारत सहित संसार के अनेक देशाें ने विरोध किया है, तथा कुछ देश अब इस प्रकल्प से बाहर भी निकल रहे हैं ।

चीन ने भारत की एक इंच भी भूमि नहीं हडपी है ! – लद्दाख के उपराज्यपाल

हमारी एक इंच भी भूमि चीन ने नहीं हडपी । वर्ष १९६२ में जो हुआ, उस विषय में बोलना निरर्थक है; परंतु अब आखिरी इंच तक हमारा भूभाग हमारे ही अधिकार में है, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया ।

‘अंतरराष्ट्रीय आर्थिक महामार्ग’ यह इतिहास का सबसे बडा प्रकल्प ! – इसराइल

इस आर्थिक महामार्ग को चीन के ‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना के प्रत्युत्तर के रूप में देखा जा रहा है ।

भारत द्वारा नेपाल के परराष्ट्र मंत्रालय से कार्रवाई की मांग !

नेपाल में चीन के राजदूत के भारतविरोधी वक्तव्यों का प्रकरण

(और इनकी सुनिए…) ‘भारत के साथ चीन के संबंध स्थित !’ – चीन

चीन के इस विधान पर कौन विश्वास करेगा ? चीन के बोलने और करने दोनों में हमेशा ही अन्तर रहा है !

(… और इनकी सुनिए ) ‘दुर्भाग्य से आपके पडोस में भारत जैसा देश है !’ – नेपाल में चीनी राजदूत

भारत के संबंध में इस प्रकार का वक्तव्य देने वाले चीनी राजदूत को कठोर भाषा में उत्तर देना अत्यंत आवश्यक है !

प्रधानमंत्री मोदीजी का इंडोनेशिया के ‘आसियान-इंडिया परिषद’की कार्यक्रम पत्रिका में ‘भारत के प्रधानमंत्री’ ऐसा उल्लेख !

हजारों वर्षों से इस देश का नाम ‘भारत’ है, और यदि उसका उल्लेख प्रधानमंत्री करते हैं, तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्‍यों हो रहा है ?

चीन को बलूचिस्तान से दूर रहना चाहिए !

हम विश्व के इतिहास में एक स्वतंत्र और सार्वभौमिक देश हैं । विदेशी शक्ति पाकिस्तान सरकार से हाथ मिलाकर बलूचिस्तान को लूट रही है ।

भारत के उपरांत अब मलेशिया, फिलिपींस, ताईवान एवं नेपाल ने किया चीन का विरोध !

चीन द्वारा अपने मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण चीनी समुद्र आदि का समावेश करने का प्रकरण !

(और इनकी सुनिए…) ‘भारत शांत रहे तथा इस पर अधिक बोलना टाले !’ – चीन

चीन के नए मानचित्र के (नक्शा) विरोध पर उद्दंड चीन ने दिया भारत को सुझाव  !