CPEC : चीन के विरुद्ध हमारी लड़ाई से भारत का कोई लेना-देना नहीं है!

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का वरिष्ठ कमांडर मौलवी मंसूर

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान में चीन का प्रोपेगेंडा और उसके नागरिकों पर हो रहे हमले प्रकाश में आए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के वरिष्ठ कमांडर नसरुल्ला उर्फ मौलवी मंसूर ने पाकिस्तान के खुफिया संगठन एवं उसके नेताओं के विषय में बात करते हुए कहा कि टीटीपी तथा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं को मूर्त रूप देने और चीनी नागरिकों पर हमले के लिए हाथ मिलाया है।टीटीपी को इंडियन सीक्रेट सर्विस से न तो पैसा मिलता है और न ही अस्त्र शस्त्र । हम अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रहे हैं।

१. पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में बलूचिस्तान से मौलवी मंसूर को बंदी बनाया है। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, टीटीपी और बीएलए साथ में, दोनों अपहरण की योजना बनाते हैं और ओलिसा को अफगानिस्तान भेजे जाने के बाद लापता घोषित कर दिए जाते हैं।

२. चीनी नागरिकों पर हुए हमलों में जैसे ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों का नाम सामने आया, शहबाज शरीफ और उनकी सरकार ने हर समय भारत पर निराधार आरोप लगाए. बलूचिस्तान के गृह मंत्री जियाउल्लाह लैंगौ ने दावा किया था कि भारत तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे आतंकी संगठनों को फंड उपलब्ध कराता है।

३. अकेले २०२४ के पहले चार माह में आतंकवादी हमलों में २८१ नागरिक और सुरक्षा बल के जवान मारे गए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को भी सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक पाकिस्तान शांत नहीं हो जाता तब तक चीन ५० लाख रुपये भी नहीं देगा।

संपादकीय भूमिका 

आश्चर्य चकित न हों यदि पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों पर लगातार हो रहे हमलों के पीछे भारत का हाथ होने का दावा करने वाला पाकिस्तान अब कहने लगे कि इस बयान के पीछे भी भारत का हाथ है!