लेबनान में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विस्फोट से विश्व सतर्क !
नई दिल्ली – लेबनान में पेजर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जुड़े विस्फोटों के पश्चात से विश्व भर की सरकारें हाई अलर्ट पर हैं। वास्तव में, जिस तरह से तकनीक का उपयोग कर पेजर (वायरलेस डिवाइस) का विषफोट किया गया है, उससे तकनीक एवं इसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। विश्व में एक तिहाई चीनी उपकरणों का उपयोग होता है । ऐसे में चीनी तकनीक के उपयोग को लेकर एक बार फिर चिंता व्यक्त की जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब चीन की तकनीक संदेह के घेरे में आई है। चीन के चार पहिया वाहनों, घरेलू उपकरणों तथा लाइट बल्बों में लगे माइक्रोचिप्स का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा सकता है। पहले भी कहा गया था कि इंटरनेट की सहायता से चीनी लैपटॉप, वॉयस कंट्रोल स्मार्ट स्पीकर, स्मार्ट घड़ियां, स्मार्ट एनर्जी मीटर एवं रेफ्रिजरेटर की जासूसी की जा सकती है।
भारत के विरुद्ध चीनी तकनीक के उपयोग का डर
जबकि पेजर को इजरायली खुफिया एजेंसियों द्वारा ब्लास्ट किया जा सकता है, चीन से आयातित मोबाइल फोन, टेलीविजन सेट, घरेलू बिजली के उपकरणों का उपयोग जासूसी के लिए किया जा सकता है। इससे दूसरे देशों में भी विस्फोट हो सकता है।भारत के संदर्भ में यह संकट और बढ गया है; क्योंकि यदि चीन ऐसी तकनीक अपने दोस्त पाकिस्तान को देता है तो पाकिस्तान इसका उपयोग भारत के विरुद्ध कर सकता है।
विश्व के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्यात में चीन की साझेदारी लगभग एक-तिहाई है। इसका अर्थ है कि विश्व में बिकने वाले हर ३ इलेक्ट्रॉनिक्स में से १ चीन में बना है। चीनी कंपनी ‘हुवेई’ की जासूसी को लेकर चीन एवं अमेरिका के बीच कई सालों से तनातनी चल रही है। भारत ने चीनी उत्पादों को ५ जी नेटवर्क से बाहर रखा है। इससे पहले अमेरिका ने चीनी उपकरणों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई थी । अब पेजर विस्फोट ने चीन की तकनीक पर संदेह पैदा कर दिया है।
संपादकीय भूमिकाचीन की विस्तारवादी नीति को देखते हुए चीन ऐसा कुछ कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ! चीन को ऐसा सबक सिखाने के लिए विश्व के सभी देशों को चीन के विरोध मे मोर्चा खोलना होगा ! |