दोनों को सहायता करने वाले भारतीय नागरिक को भी बंदी बनाया
महाराजगंज (उत्तर प्रदेश) – भारत-नेपाल के बीच सोनौली सीमा पर २ चीनी नागरिकों को पकडा गया । उनके साथ तिब्बत का एक निर्वासित भी मिला । पुलिस को उनके पास पहचानपत्र के रूप में भारतीय आधार कार्ड मिले । हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक राज्य के २ अलग-अलग पतों पर उन्होंने आधार कार्ड बनाए थे ।
इसमें उन्हें देहली में रहने वाले तिब्बत के एक भारतीय नागरिक ने सहायता की थी । इन तीनों को भी बंदी बनाया गया है ।
सुरक्षाबलों द्वारा पकडे जाने के उपरांत वे दोनों स्वयं को गूंगा दिखाने का प्रयास कर रहे थे; लेकिन सैनिकों द्वारा सख्ती से जांच करने पर वे बोलने लगे । उन्होंने पहले बताया कि वे दवा बनाने का व्यवसाय करते हैं और वनौषधियों की खोज में भारत आए थे; लेकिन सुरक्षाबलों ने उन पर विश्वास नहीं किया । उनका वीजा देखने पर उनके चीनी नागरिक होने की बात उजागर हुई । इनमें से एक का नाम जू वाक्यांग तथा दूसरे का नाम यांग मेंगमेंग होने की बात सामने आई। उन्हें भारत में रहने की व्यवस्था तिब्बती नागरिक लुवसांग त्सेरिंग ने की थी । उन्हें गोरखपुर भेजने का दायित्व उसके पास था । इस काम के लिए उसने चीनी नागरिकों से ४० सहस्र रुपए लिए थे ।
संपादकीय भूमिकाऐसे देशद्रोहियों के कारण ही भारत को सर्वाधिक खतरा है । ऐसों को फांसी का ही दंड देना चाहिए ! |