गुजरात से अयोध्या तक पुनश्च निकलेगी रथयात्रा !
१९९० के दशक में निकली थी रथयात्रा : पूरे संसार में पहुंच गया था श्रीरामजन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन
१९९० के दशक में निकली थी रथयात्रा : पूरे संसार में पहुंच गया था श्रीरामजन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन
भाग्यनगर के श्रीचल श्रीनिवास शास्त्री ने इनका निर्माण किया है । वर्तमान में इन पादुकाओं की पूरे देश में शोभायात्रा निकाली जा रही है ।
चर्च के विद्यालयों में और क्या होगा । इसलिए अब हिन्दुओं को ऐसे विद्यालय खोलने की आवश्यकता है जो हिन्दुओं के लिए हिन्दू धर्म के अनुसार शिक्षा प्रदान करें ! हिन्दू राष्ट्र में होंगे ऐसे विद्यालय !
कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् द्वारा घर को उपहार !
श्रीराम की विशेषताएं क्या हैैं ?, रामायण के कुछ प्रसंगों का भावार्थ क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये : ‘श्रीराम (लघुग्रन्थ)’
क्या राजेंद्र सिंह गुढा कभी मुहम्मद पैगंबर अथवा ईसा मसीह के विरुद्ध ऐसा वक्तव्य देने का साहस कर सकते हैं ?
यदि किसी ने मुहम्मद पैगंबर का अनादर किया होता, तो मुस्लिमों ने उसका सर धड से अलग करने की घोषणा कर दी होती; परंतु हिन्दू कानून के अनुसार कार्य करते हैं, अत: कभी भी ऐसी घोषणाएं नहीं करते, क्या धर्म-निरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादी इसे ध्यान में लेंगे ?
धर्मनिरपेक्ष शिक्षा पद्धति के कारण हिन्दु बहुसंख्यक देश में शिक्षकों द्वारा ‘जय श्रीराम’ का विरोध किया जाता है, जबकि उसी वर्ग की ‘हिजाब’ परिधान की हुई मुसलमान छात्राओं को छूट दी जाती है ! ऐसे शिक्षक पर पाठशाला प्रशासन को कठोर कार्रवाई करना अपेक्षित है !
बंगाल की ‘हिन्दू समाज पार्टी’ की ओर से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को पत्र भेजकर विरोध
सूरज पाल अम्मू ने आगे कहा, ‘यदि निर्माताओं में साहस है, तो मुहम्मद पैगंबर एवं सिक्खों के गुरु पर ऐसी फिल्म निर्माण कर दिखाएं । तब उनको मुंहतोड प्रत्युत्तर (जवाब) मिलेगा ।’