श्री राम के नाम पर राजनीति करना मूर्खता है !
जो राजनेता भगवान श्री राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, वे अपनी रगों में बसे हिन्दू द्वेष को उजागर कर रहे हैं ।
जो राजनेता भगवान श्री राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, वे अपनी रगों में बसे हिन्दू द्वेष को उजागर कर रहे हैं ।
प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए हम सभी को एकत्रित होना आवश्यक है । उसपर राजनीति करना अपेक्षित नहीं है, ऐसा प्रतिपादन प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने किया ।
जितेंद्र आव्हाड के वक्तव्य पर श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता जो कुछ बोल रहे हैं, वह असत्य है । स्त्रों में लिखा है कि वनवास में वे कंदमूल खाते थे ।
कभी श्री सरस्वती देवी, कभी भगवान श्रीराम, तो कभी अभद्र भाषा में वे जो तिरस्कार करते हैं, उससे पता चलता है कि उनकी रगों में कितना हिन्दू द्वेष फैला हुआ है ! क्या यह उन हिन्दुओं को स्वीकार्य है जिन्होंने आव्हाड को वोट देकर चुना ?
प्राणप्रतिष्ठा के लिए ३ मूर्तियां बनाई गई हैं ।
उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसा मत समझना कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण किया, अर्थात हमारा काम हो गया । अब हम पर नया दायित्व है । यदि आनेवाले अनेक शतक श्रीराम मंदिर बनाए रखना हो, तो देश के हिन्दुओं को ‘हिन्दू’ के रूप में ही रहना होगा ।
१९९० के दशक में निकली थी रथयात्रा : पूरे संसार में पहुंच गया था श्रीरामजन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन
भाग्यनगर के श्रीचल श्रीनिवास शास्त्री ने इनका निर्माण किया है । वर्तमान में इन पादुकाओं की पूरे देश में शोभायात्रा निकाली जा रही है ।
चर्च के विद्यालयों में और क्या होगा । इसलिए अब हिन्दुओं को ऐसे विद्यालय खोलने की आवश्यकता है जो हिन्दुओं के लिए हिन्दू धर्म के अनुसार शिक्षा प्रदान करें ! हिन्दू राष्ट्र में होंगे ऐसे विद्यालय !
कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् द्वारा घर को उपहार !