‘नूपुर शर्मा जैसे लोगों का सिर कलम करें !’
भारत सरकार और इस्लामिक देश इस प्रकार के बयान देने वालों के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
भारत सरकार और इस्लामिक देश इस प्रकार के बयान देने वालों के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
पूरे देश के ५८ से अधिक हिन्दू संगठनों, संप्रदायों, विश्वविद्यालयों, अधिवक्ता संगठनों, पत्रकारों, उद्यमियों आदि ने पत्र के द्वारा इस अधिवेशन को अपना समर्थन दिया है ।
‘मुसलमान व्यक्ति द्वारा हिन्दुओं के देवताओं के विरोध में आपत्तिजनक विधान किए जाने की एक भी घटना मुझे याद नहीं´, ऐसा विधान अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में किया । नूपुर शर्मा द्वारा किए मोहम्मद पैगंबर के कथित अपमान के विषय में वे बोल रहे थे ।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने ईरान को दिया आश्वासन ! नई देहली – भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने मोहम्मद पैगंबर के विषय में कथित रूप से अपमानजनक वक्तव्य करने के उपरांत १५ इस्लामी देशों ने इसका विरोध किया । इसमें ईरान भी सम्मिलित है । इसी पृष्ठभूमि में ईरान के विदेश मंत्री … Read more
हिन्दुओें के आस्थाकेंद्रों के विषय में ऐसे विधान करनेवालों के विरोध में भारत सरकार कब कार्यवाही करेगी ? ऐसों पर पुलिस स्वयं से अपराध प्रविष्ट कर कार्यवाही क्यों नहीं करती ? हिन्दुओं के संगठन इस विषय में निष्क्रिय क्यों हैं ?
साम्यवादियों का वास्तविक स्वरूप ! साम्यवादियों का प्रचार करना कि वे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत रहते हैं एवं उनके लिए झगडते हैं, यह सर्वथा मिथ्या है । इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि साम्यवादी हिंसक और भ्रष्ट होते हैं, विजयन के विरुद्ध आरोप तो बस उसमें एक और वृद्धि है !
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नूपुर शर्मा के प्रकरण में पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए मत व्यक्त किया, ‘इस्लामी देशों द्वारा भारत का विरोध एवं क्षमा मांगने की मांग, उसका महत्त्व नहीं है । भारत ऐसी क्षुद्र प्रतिक्रियाओं से त्रस्त हो नहीं सकता ।’
आतंकवाद विरोधी दल ने (‘एटीएस’ ने) राज्य के कच्छ से एक पाकिस्तानी नौका से ५० किलो हेरोईन नियंत्रण में लिया । अंतरराष्ट्रीय (बाजार) हाट में इसका मूल्य २५० करोड रुपए है ।
हिन्दू विरोधी चित्रकार एम.एफ. हुसैन द्वारा हिन्दू देवताओं का अपमान करने के उपरांत कतर ने उन्हें शरण दी। कतर को वह कैसे मान्य हुआ ? भारत को कतर से यह प्रश्न पूछना चाहिए !
राज्य के कानपुर में हुए दंगे के उपरांत ५ जून को आगरा का वातावरण भी तनावपूर्ण हो गया । आगरा के ताजगंज के बसई खुर्द में दोपहिए वाहन की साधारण टक्कर में हिन्दू और मुसलमानों में मारपीट एवं जोरदार पथराव हुआ । यहां फर्श बैठाने का काम चल रहा है ।