इस्लामी देशों के भारतविरोध का सामना करने के लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

पणजी में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उपलक्ष्य में पत्रकार परिषद

पणजी, १० मई (संवाददाता) : गोवा में विगत १० वर्षाें से हो रहे अखिल भारतीय अधिवेशन के कारण देश में हिन्दू राष्ट्र की चर्चा आरंभ हुई । उसके उपरांत हिन्दू राष्ट्र का लक्ष्य सामने रखकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करना आरंभ हुआ है । भाजपा की प्रवक्ता होने के समय नुपूर शर्मा के द्वारा इस्लाम के संदर्भ में दिए गए वक्तव्य के कारण विश्व के अनेक इस्लामी राष्ट्र एकत्रित होकर भारत का विरोध कर रहे हैं । अल् कायदा ने तो सीधे भारत पर आक्रमण करने की धमकी दी है; परंतु शिवलिंग को फव्वारा बोलकर अथवा हिन्दू गुप्तांग की (शिवलिंग की) पूजा क्यों करते हैं ?’, ऐसा खुलेआम हिन्दूद्वेषी वक्तव्य देकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवालों का विरोध करता हुआ कोई नहीं दिखाई देता । इससे विश्व में हिन्दुओं का न्यूनतम एक राष्ट्र होना क्यों आवश्यक है ? हे यह ध्यान में आता है ।

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

इसीलिए ही इस वर्ष १२ से १८ जून २०२२ की अवधि में ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ आयोजित किया गया है । यह जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां आयोजित पत्रकार परिषद में दी । इस अवसर पर गोवा के ‘भारतमाता की जय’ संगठन के गोवा राज्य संघचालक प्रा. सुभाष वेलिंगकर, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे और सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे ।

इस अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की कार्यपद्धति अंतर्भूत करने के लिए और हिन्दू राष्ट्र के आदर्श राज की कार्यप्रणाली के विषय में दिशादर्शन करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ का आयोजन किया गया है ।

पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए बाईं ओर से श्री. रमेश शिंदे, सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, प्रा. सुभाष वेलिंगकर एवं श्री. चेतन राजहंस

समस्त गोवावासियों का अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को समर्थन !

प्रा. सुभाष वेलिंगकर

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का अन्य कोई विकल्प नहीं है, यही गोवावासियों में भावना ! – प्रा. सुभाष वेलिंगकर, भारतमाता की जय संगठन

गोवा के हिन्दुओं में ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होनी चाहिए’, यह भावना अधिक प्रबल हो रही है; यह मेरा अनुभव है । सार्वजनिक पद्धति से भले ही कोई ऐसा बोलने का साहस न दिखा रहा हो; परंतु अब हिन्दुओं को ‘अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बिना अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है’, ऐसा लग रहा है । आजतक गोवा के हिन्दुओं को जो अत्याचार भोगने पडे, वो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने के उपरांत ही अल्प हो सकेंगे । गोवा के हिन्दुओं के लिए चिंता का विषय बने हुए अनेक प्रश्न आज चर्चा में हैं । रामनाथी, फोंडा में होनेवाले अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में गोवा में मंदिरों को हडपने की हो रही घटनाएं, धर्मांतरण, बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की घुसपैठ आदि ज्वलंत समस्याओं पर विचारमंथन होनेवाला है । इस अधिवेशन को समस्त गोवावासियों का समर्थन है, ऐसा प्रतिपादन ‘भारतमाता की जय’ संगठन के राज्य संघचालक प्रा. सुभाष वेलींगकर ने किया ।

१. गोवा की चर्चसंस्थाओं द्वारा प्राचीन विजयादुर्गादेवी मंदिर को हडपने का प्रयास किया जा रहा है, उस मंदिर की भूमि की खुदाई कर सच्चाई सामने लाई जाए !

पोर्तुगिजों द्वारा भग्न किए गए गोवा के दो मंदिरों के स्थान पर गोवा की चर्चसंस्था आजतक चर्च नहीं बना पाई है । इनमें से एक है वर्णापुरी (वेर्णा) स्थित श्री श्री महालसा नारायणी मंदिर और मुरगांव तहसील के शंखवाळ (साकवाळ) में स्थित श्री विजयादुर्गादेवी का प्राचीन मंदिर ! वर्णापुरी में आज भव्य श्री महालसा नारायणी मंदिर खडा है; परंतु विगत १० वर्षाें से चर्चसंस्था शंखवाल में स्थित श्री विजयादुर्गादेवी मंदिर के भग्न अवशेषों को अपने नियंत्रण में लेने का षड्यंत्र कर रही है । आज के समय में भी सरकार पर दबाव बनाकर मंदिरों को हडपने की पोर्तुगीजों की परंपरा को जारी रखने की यह प्रवृत्ति निंदनीय है । शंखवाळ में भग्न अवस्था में स्थित मंदिर के अवशेषों को भूमि में गाडकर उस स्थान पर अवैधरूप से ‘चैपेल’ (छोटा चर्च) का निर्माण किया गया है । पुरातत्व विभाग द्वारा इस वास्तु का ‘फ्रंटिस पीस ऑफ सांकवाळ’ ऐसा नामकरण करने के उपरांत भी इस वास्तु का ‘फ्रंटिस पीस ऑफ सांकवाळ चर्च’ ऐसा अवैध नामकरण कर चर्चसंस्था इस भूमि को हडपने के प्रयास में है । अतः ‘वहां की भूमि की खुदाई कर जनता के सामने सच्चाई रखी जाए और उस स्थान पर श्री विजयादुर्गादेवी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए’, यह गोवा के समस्त हिन्दुओं की मांग है ।

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने विधानसभा के आगामी अधिवेशन में पोर्तुगीजों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण करने की और धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने की बात कही है । गोवा के हिन्दू मुख्यमंत्री डॉ. सावंत के इस वक्तव्य का स्वागत कर रहे हैं ।

२. गोवा के पादरी डॉम्निक द्वारा धर्मांतरित किए गए डेड लाख हिन्दुओं का ‘बिलिवर्स’ होना गोवा के लिए खतरे की घंटी !

हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया और आज के समय में जमानत पर छूटे हुए ‘बिलिवर्स’ के शिवोली स्थित ‘फाईव पिलर्स चर्च’ का पास्टर (पादरी) द्वारा किए गए कृत्यों की व्यापक जांच की जाए, साथ ही डॉम्निक की पत्नी की भी जांच की जाए । उसने गोवा में डेढ लाख हिन्दुओं का धर्मांतरण कर हिन्दू नाम धारण किए हुए ‘क्रिप्टो हिन्दू’ तैयार किए हैं । गोवा में डेड लाख ‘बिलिवर्स’ होना खतरे की घंटी है ।

३. गोवा में ‘पी.एफ्.आई.’ पर प्रतिबंध लगाया जाए और श्रीराम सेना पर लगाया गया प्रतिबंध वापस लिया जाए !

मुख्यमंत्री डॉ. सावंत ने पाकिस्तान से संबंध रखनेवाले ‘पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा करने की बात कही है । इसके लिए मुख्यमंत्री केंद्र शासन के निर्णय की प्रतीक्षा न कर राज्यस्तर पर उन्हें प्राप्त अधिकारों का उपयोग कर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए । इसके साथ ही विगत अनेक वर्षाें से ‘श्रीराम सेना के संस्थापक तथा प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. प्रमोद मुतालिक द्वारा कोई भी अनुचित कृत्य किए बिना ही उनपर और उनके सहयोगियों पर लगाई गई गोवा प्रवेशबंदी वापस ली जाए, यह हिन्दुओं की मांग है ।

४. गोवा में लगभग ४५ सहस्र बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठी मुसलमान रह रहे हैं । उन्हें ढूंढकर उन्हें गोवा से बाहर निकाल दिया जाए ।

श्री. चेतन राजहंस

गोवा के शंखवाळ मंदिर की भांति ही देश के अनेक मंदिरों की स्थिति दयनीय ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने कहा, ‘‘आज के समय में देश के अनेक मंदिरों की स्थिति गोवा के शंखवाळ में स्थित श्री विजयादुर्गा के प्राचीन मंदिर की भांति बन गई है । केंद्र और अनेक राज्यों में हिन्दुत्वनिष्ठ राजनीतिक दल की सरकारें होने के कारण ही देश में राममंदिर निर्माण, अनुच्छेद ३७० हटाना, साथ ही ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरणविरोधी कानून बने हैं । उससे भले ही कुछ सकारात्मक कार्य हुआ हो; परंतु तब भी काशी-मथुरासहित हिन्दुओं के अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान मुक्त होने शेष रह गए हैं । ओवैसी ‘हम ज्ञानवापी मस्जिद को लेने नहीं देंगे’, ऐसा बता रहा है । मिशनरियों द्वारा हिन्दुओं के हो रहे बलपूर्वक धर्मांतरण के कारण ‘लावण्या’ जैसी हिन्दू लडकी को आत्महत्या करनी पड रही है । कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद को ३२ वर्ष पूरे होकर भी आज की कश्मीरी हिन्दुओं की हत्याएं रुक नहीं रही हैं । आज भी हिन्दुओं का पलायन चल रहा है; इसलिए हिन्दुओं को अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए संगठित होना आवश्यक है ।

श्री. रमेश शिंदे

देश-विदेशों के १ सहस्र से अधिक प्रतिनिधियों को अधिवेशन का निमंत्रण ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि इस अधिवेशन में अमेरिका, इंग्लैंड, हाँगकाँग, सिंगापुर, फिजी और नेपाल इन देशोंसहित भारत के २६ राज्यों के ३५० से अधिक हिन्दू संगठनों के १ सहस्र से अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है । इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘काशी की ज्ञानवापी मस्जिद’, ‘मथुरा मुक्ति आंदोलन’, ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’, ‘कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार’, ‘मस्जिदों पर लगाए हुए भोंपुओं से हो रहा ध्वनिप्रदूषण’, ‘हिजाब आंदोलन’, ‘हलाल सर्टिफिकेट – एक आर्थिक जिहाद’, ‘हिन्दुओं की रक्षा’, ‘मंदिर-संस्कृति-इतिहास की रक्षा ’, ‘धर्मांतरण’, ‘किलों पर किए गए इस्लामी अतिक्रमण’ आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी और उस विषय में प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा पहली बार रखे गए हिन्दू राष्ट्र के सूत्र पर पूरे देश में चल रहा मंथन अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की फलोत्पत्ति !

पत्रकार परिषद में आए पत्रकार श्री. रामनाथ पै ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘पहले हिन्दू अधिवेशन की पत्रकार परिषद में सर्वप्रथम ‘हिन्दू राष्ट्र’ का सूत्र रखा गया था । १० वर्ष पूर्व हिन्दू राष्ट्र के विषय में किसी प्रकार की चर्चा नहीं थी । मैं आज १०वें अधिवेशन की पत्रकार परिषद में उपस्थित हूं । आज पूरे देश में ‘हिन्दू राष्ट्र’ की चर्चा चल रही है ।’’

अधिवेशन में प्रमुख उपस्थित

इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘सीबीआई’ के पूर्व तात्कालीक निदेशक श्री. नागेश्वर राव, काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के विरोध में न्यायालयीन लडाई लड रहे अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैनजी और उनके पुत्र ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टीस’के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, भाजपा के तेलंगाना के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह, ‘पनून काश्मीर’के श्री. राहुल कौल, अरुणाचल प्रदेश के श्री. कुरु थाई, ‘भारत रक्षा मंच’ के राष्ट्रीय सचिव श्री. अनिल धीर सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता, उद्यमी, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिरों के न्यासी, साथ ही अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहनेवाले हैं । इसके साथ ही ‘भारत सेवाश्रम संघ’के स्वामी संयुक्तानंदजी महाराज, ‘इंटरनैशनल वेदांत सोसाईटी’के स्वामी निर्गुणानंदगिरी महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति होगी ।

पूरे देश के ५८ से अधिक हिन्दू संगठनों, संप्रदायों, विश्वविद्यालयों, अधिवक्ता संगठनों, पत्रकारों, उद्यमियों आदि ने पत्र के द्वारा इस अधिवेशन को अपना समर्थन दिया है । इन हिन्दुत्वनिष्ठ इस अधिवेशन का सीधा प्रसारण हिन्दू जनजागृति समिति का जालस्थल HinduJagruti.org, साथ ही यू ट्यूब चैनल ‘HinduJagruti’ पर देखें ।

♦ ‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के निमित्त 🎙️ पत्रकार वार्ता ♦


पत्रकार परिषद में हुए प्रश्नोत्तर

१. साफा मस्जिद के आदिलशाह के काल के होने की केवल चर्चा ! – पुरातत्त्व विभाग से सूचना के अधिकार के अंतर्गत पूछे गए प्रश्न का उत्तर

प्रश्न : एक पत्रकार ने यह प्रश्न पूछा कि फोंडा में अनेक मंदिर और मस्जिदें हैं । मंदिर परिसर में एकाद स्थान पर तालाब है । मस्जिदों के परिसर में तालाब नहीं है; परंतु केवल साफा मस्जिद परिसर में तालाब क्यों है ?

उत्तर (श्री. चेतन राजहंस) : साफा मस्जिद परिसर में वह आदिलशाह के काल की मस्जिद होने का लिखा गया फलक है । इस विषय में सूचना के अधिकार के अंतर्गत कागदपत्र मांगने पर उन्होंने ये ेकागदपत्र उपलब्ध न होने की बात कही । पुरातत्व विभाग ने बताया कि ‘लोगों में ऐसी चर्चा होने से उस प्रकार फलक लगाया गया है ।’ हिन्दू धर्म में देवताओं का अस्तित्व होने की बात कही गई है । हिन्दू धर्म में जल के द्वारा देवताओं का तत्त्व जागृत करने की परंपरा होने के कारण मंदिरों के परिसर में तालाब होता है । अरब राष्ट्रों में रेगिस्तान होने से पानी का प्रश्न ही नहीं आता; इसलिए साफा मस्जिद के स्थान के विषय में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास चल रहा है । इससे साफा मस्जिद के स्थान पर फलक लगाने के लिए क्या पी.एफ्.आई. ने पुरातत्व विभागतक झूठ फैलाया है ?’, यह भी प्रश्न उठता है ।

२. हिन्दुओं के साथ विरोधियों में हिन्दू राष्ट्र की ही चर्चा !

प्रश्न : एक पत्रकार ने यह प्रश्न पूछा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की प्रक्रिया केंद्र सरकार के अधिकार में आती है, तो क्या आप अधिवेशन में की जानेवाली मांग केंद्र शासन से करते हैं ?

उत्तर (सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी) : हिन्दू जनजागृति समिति ने प्रत्येक अधिवेशन के उपरांत अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा पारित किए गए प्रस्तावों को केंद्र सरकारतक पहुंचाकर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है । तब हिन्दू राष्ट्र के विषट में अनेक प्रश्न उठाए गए; परंतु आज की स्थिति में पूरे देश में अनेक स्थानों पर स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू राष्ट्र की मांग हो रही है । अब हिन्दू ही आत्मविश्वास के साथ ‘अब हिन्दू राष्ट्र आनेवाला है’, ऐसा बोल रहे हैं, तो उसका विरोध करनेवाले भी वैसे ही बोल रहे हैं ।

३. पत्रकार परिषद के उपरांत भी कुछ पत्रकारों ने वक्ताओं से संवाद कर अपनी शंकाओं का समाधान करवा लिया ।