प्रत्येक प्रकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं !

उत्तराखंड के जोशीमठ गांव में भूस्खलन के विषय में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा प्रविष्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय ने १० जनवरी के दिन भी मना कर दिया ।

बंगाल के एक विद्यालय में दोपहर के भोजन की दाल में मिला सांप !

विद्यार्थियों के जीवन से खेलने वालों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए !

असम में बजरंग दल के १६ वर्षीय कार्यकर्ता की मुसलमानों द्वारा हत्या !

असम में भाजपा सरकार के होते हुए ऐसी घटनाएं होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं ! असम इस्लामी देश में नहीं, इसका एहसास धर्मांधों को कराने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाना आवश्यक है !

चोर अनीस को पकडने पर उसके द्वारा चाकू से किए आक्रमण में देहली पुलिस की मृत्यु !

इस घटना के विषय में अब निरपेक्षतावादी मुंह नहीं खोलेंगे ! पुलिस कर्मियों पर भी आक्रमण करने में धर्मांध नहीं हिचकिचाते तथा वे सदा अपने पास धातक शस्त्र रखते ही हैं, यह ध्यान में लें !

बलपूर्वक धर्मांतरण को राजनीतिक रंग न दें !

न्यायालय को ऐसा कहना पडे, यह तामिलनाडू सरकार के लिए लज्जास्पद !

यदि धर्म परिवर्तन कर विवाह नहीं किया तो ऐसी स्थिति करेंगे कि समाज में मुंह नहीं दिखा सकेंगे ! – मध्य प्रदेश की हिन्दू युवतियों को धर्मांधों द्वारा धमकियां

अवसर मिला तो प्रेम के नाम पर फंसा कर, तो कभी धर्मपरिवर्तन के लिए डांट डपट कर हिन्दू युवतियों पर अत्याचार करनेवाले जिहादी मुसलमान !

हत्या, रक्त तथा शारीरिक आक्रमण दर्शाना बंद करें !

सरकार को यह क्याें बताना पडता है ? दूरचित्रवाहिनियों को क्याें नहीं समझ में आता ? समाज को विकृत तथा बुरी बातें दर्शा कर समाज की नैतिकता एवं मानसिकता बिगाडनेवाली ऐसी वाहिनियों को दंड देना आवश्यक !

मध्यान्ह भोजन में मुस्लिम छात्रों को झटका मांस देने का मुसलमान अभिभावकों ने किया विरोध !

विगत कुछ वर्षों से हिन्दुओं को बेचे जा रहे हलाल मांस से हिन्दू अनभिज्ञ हैं किन्तु क्या हिंदुओं को इस तथ्य का बोध है कि, मांस खिलाए जाने पर तुरंत इसका विरोध करने वाले मुसलमान कितने जागरूक हैं ?

पंजाब में गुंडों की गोलीबारी में पुलिस हवलदार मारा गया

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के दिन से वहां कानून और सुरक्षा व्यवस्था तार-तार होने से गुंडों की कार्यवाहियां बढी हैं, यही इससे पुन: स्पष्ट हुआ !

उच्चतम न्यायालय ने समान नागरिक संहिता की जांच के लिए समितियों के गठन की अनुमति दी

उच्चतम न्यायालय ने समान नागरिक संहिता की समीक्षा के लिए उत्तराखंड और गुजरात राज्यों द्वारा गठित समितियों के गठन की अनुमति दे दी है । न्यायालय में एक याचिका द्वारा इन समितियों की स्थापना को चुनौती दी गई थी ।