बंगाल के सरकारी विद्यालय की धक्कादायक घटना !
पूर्वी मेदिनीपुर (बंगाल) – मध्यान्ह भोजन में झटका मांस के भोजन के लिए बाध्य किए जाने पर मुसलमान छात्रों के माता-पिता ने यहां के एक सरकारी विद्यालय में ७ जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया । उन्होंने कहा, ‘झटका मांस खिलाकर हमारे बच्चों को अपवित्र करने का प्रयत्न हुआ है । इससे मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं । उन्होंने प्रधानाध्यापक के त्यागपत्र की भी मांग की है । इस संबंध में एक वीडियो सामाजिक माध्यम पर प्रसारित किया गया है ।
West Bengal: Parents of Muslim students protest over ‘Jhatka’ chicken served in mid-day meal, demand resignation of principalhttps://t.co/4zQ96o0OmD
— OpIndia.com (@OpIndia_com) January 8, 2023
(कहते हैं ) ‘झटका मांस देना संघ की नीति का भाग है !’- माता-पिता का आरोप
मुसलमान छात्रों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि मध्याह्न भोजन में झटका मांस खिलाकर मुसलमान छात्रों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का यह रा.स्वयं.संघ की निति का भाग है । (‘हिन्दुओं को हलाल मांस, हलाल उत्पाद खिलाना किस की नीति का अंग है ?’, क्या मुसलमान माता-पिता उत्तर देंगे ? – संपादक)
सरकारी आदेश में झटका या हलाल का कहीं उल्लेख नहीं !
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने चावल, चोकर, सोयाबीन, अंडा, चिकन मांस और मौसमी फलों के साथ मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है । इसमें यह नहीं बताया गया है कि किस प्रकार का चिकन मांस, हलाल या झटके का दिया जाएगा । (अब इस घटना के कारण नि:संदेह मुसलमान प्रेमी तृणमूल कांग्रेस शासकीय आदेश को त्वरित बदल देगी और मुसलमानों को हलाल मांस उपलब्ध कराएगी ! – संपादक)
‘हलाल’ और ‘झटका ‘ मांस क्या है ?
हलाल मांस प्राप्त करने के लिए, जानवर के गले की नस को उसका मुंह मक्का की दिशा में कर, काट दिया जाता है और जानवर को तडपता छोड़ दिया जाता है । इससे अतिरक्तस्त्राव के कारण प्राणी की श्वास बंद होने से घुट कर मृत्यु हो जाती है । जब किसी प्राणी की कुर्बानी दी जाती है तो उसका मुंह मक्का की ऒर कर दिया जाता है। हिन्दू धर्म, सिख धर्म जैसे भारतीय धर्मों में जानवर को ‘झटका’ पद्धति से मारा जाता है । इसमें जानवर की गर्दन एक ही वार में कट जाती है, जिससे प्राणी को अत्यल्प कष्ट होता है ।
संपादकीय भूमिका
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