Ram Katha In Madarsa : उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के ११७ मदरसों में श्रीराम की कथा पढाई जाएगी ! – उत्तराखंड वक्फ बोर्ड
श्रीराम जैसा पुत्र किसे नहीं चाहिए ? मदरसों के विद्यार्थियों को प्रेषित मोहम्मद के साथ श्रीराम का जीवन भी पढाया जाएगा ।
श्रीराम जैसा पुत्र किसे नहीं चाहिए ? मदरसों के विद्यार्थियों को प्रेषित मोहम्मद के साथ श्रीराम का जीवन भी पढाया जाएगा ।
मंदिर की ऊपरी मंजिल पर बाकी २ मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी, ऐसा न्यास ने कहा है । इन मूर्तियों के छायाचित्र प्रसारित किए गए हैं ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए इस प्रकार की घटना न हो, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण का हिन्दुओं का स्वप्न साढ़े पांच सौ वर्षों के पश्चात २२ जनवरी को साकार हुआ । उसके पश्चात २३ जनवरी से मंदिर सब भक्तों के लिए खोल दिया गया है ।
कांग्रेस को इस बात को पहले स्पष्ट करना होगा कि, ‘म. गांधी के राम कौन हैं ?’! क्योंकि हिन्दुओं के ‘राम’ रावण सहित असंख्य असुरों का वध कर जनता की रक्षा करनेवाले हैं !
पाकिस्तान को भारत के लोकतंत्र की चिंता करने की अपेक्षा, स्वयं के देश के लोकतंत्र की पहले चिंता करनी चाहिए !
अधिकांश फलक अयोध्या के विविध प्रवेशद्वारों पर लगाए गए हैं ।
श्री रामलला जब तक मंदिर में स्थापित नहीं होंगे, तब तक अन्नग्रहण न करने का किया था निर्धार
मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना, क्या उदयनिधि को यह सही लगता है ? उन्हें बताना चाहिए ! अगर उन्हें सही नहीं लगता है तो क्या वे देश के उन साढ़े तीन लाख मंदिरों को खाली करने के लिए कहेंगे जहां मस्जिदें बनायी गईं ?
‘मुस्लिमों का लाभ एवं हिन्दुओं के लिए कानून’ इस प्रकार धार्मिक पक्षपाती कानून तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बनाए थे । केंद्र की मोदी सरकार को ये कानून रद्द करने चाहिए, ऐसी मांग इस समय की गई ।