श्री रामलला जब तक मंदिर में स्थापित नहीं होंगे, तब तक अन्नग्रहण न करने का किया था निर्धार
दरभंगा (बिहार) – जिले के बहादूरपूर तहसील के खैरा गांव में रहनेवाले वीरेंद्रकुमार बैठा उपाख्य झमेली बाबा ३१ वर्षाें के उपरांत अन्नग्रहण करनेवाले हैं । झमेली बाबा एक रामसेवक हैं और ३१ वर्षाें से फलाहार कर जीवन जी रहे हैं । उन्होंने निर्धार किया था कि, ‘जब प्रभु श्रीराम अयोध्या के भव्य मंदिर में प्रवेश करेंगे, तब स्वयं के हाथों अन्न पकाकर वे ग्रहण करेंगे ।’
झमेली बाबा बचपन से स्वयंसेवक हैं । विश्व हिन्दू परिषद के आवाहनानुसार वे दरभंगा से लगभग ढाई सौ कारसेवकों के साथ अयोध्या गए थे । वहां बाबरी ढांचा गिराने की प्रक्रिया में वे सहभागी हुए थे । बाबरी ढांचेपर चढकर उसे तोडने के पश्चात ७ दिसंबर १९९२ को उन्होंने ‘मंदिर निर्माण होने तक फलाहार कर जीवन जिऊंगा’, ऐसी शपथ ली थी । झमेली बाबा अविवाहित हैं और उन्होंने अपना जीवन श्रीराम सेवा के लिए समर्पित किया है ।