कर्नाटक की दो पाठशालाओं में श्री सरस्वतीदेवी की मूर्तियों की तोडफोड !
इस तोडफोड के पीछे किसका हाथ है, सरकार को इसकी जांच कर संबंधित व्यक्तियों को कठोर दंड मिले, इसके लिए प्रयास करना चाहिए !
इस तोडफोड के पीछे किसका हाथ है, सरकार को इसकी जांच कर संबंधित व्यक्तियों को कठोर दंड मिले, इसके लिए प्रयास करना चाहिए !
राज्य की सत्ताधारी पार्टी के विधायक का बेटा होने के कारण आरोपी को दंड होने की संभावना अल्प ही है, जनता को ऐसा लगता होगा, इसमें संदेह नहीं है !
इस हत्याकांड पर सारे (धर्मनिरपेक्ष) और धर्मनिरपेक्षतावादी चुप क्यों हैं ? अब वे इसे ‘असहिष्णुता’ नहीं कहेंगे !
इस हेतु स्वतंत्रता के बाद ७४ वर्ष तक इंतजार करना पडा, यह बात अबतक के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद !
बंगाल मे तृणमूल कांग्रेस सत्ता मे होते हुए भी वहा यदि इस पार्टी के कार्यकर्ता ही सुरक्षित न हो, तो ‘सामान्य जनता कैसे जी रही होगी ?’ इस बारे में सोच भी नहीं सकते !
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? स्वतंत्रता उपरांत के ७४ वर्षाें में सत्ता पर विराजमान सभी पार्टियों की सरकारों ने ऐसी पूछताछ क्यों नहीं की ? केंद्र सरकार को तत्काल ऐसी समिति की स्थापना कर सत्य उजागर करना चाहिए !
यह तथ्य न्यायालय को क्यों बताना पड रहा है ? इसे अति महत्त्वपूर्ण व्यक्ति एवं मंदिर प्रशासन स्वयं क्यों नहीं समझते ?
मुख्यमंत्री धामी का स्तुत्य निर्णय ! भाजपा शासित सभी राज्य यह निर्णय लें, सारे हिन्दुओं ऐसी की अपेक्षा है ।
कांग्रेस का अध:पतन आरंभ हो चुका है तथा ऐसे कुछ नेता एवं कार्यकर्ता यदि भविष्य में पार्टी छोड दें, तो कोई आश्चर्य नहीं !
ऐसे झूठे एवं कपटी विज्ञापन देनेवाली सर्व कंपनियों पर कार्रवाई होनी अपेक्षित है !