लेबनान का भी इजराइल पर हवाई आक्रमण

फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन ‘हमास’ ने ७ अक्टूबर के दिन इजराइल के ७ शहरों पर ५ सहस्र राॅकेट दागे जाने की घटना के उपरांत अब लेबनान ने भी इजराइल पर हवाई आक्रमण किए हैं ।

‘इसरो’ के ‘सॉफ्टवेयर’ पर प्रतिदिन होते हैं १०० से अधिक साइबर आक्रमण !

कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे (‘आर्टिफिशियल इंटेलिजंस’ जैसे) तंत्रज्ञान (तकनीक) का प्रयोग कर, साइबर अपराधों की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं ।

इसरायल के ६००, तो पैलेस्टाईन के ४०० से अधिक नागरिकों की मृत्यु !

आक्रमण के समय हार्डवेयर उसके सॉफ्टवेयर से संपर्क करने में सक्षम नहीं था । कोई भी प्रक्षेपणास्त्र प्रणाली पूर्णरूप से  भरोसेमंद नहीं होती । अब आक्रमण का स्वरूप परिवर्तित हो रहा है ।

पादरी ने अमेरिका में एक लडकी से लगातार १५ वर्ष तक बलात्कार किया !

भारत में सामाजिक माध्यमों  द्वारा ऐसी घटनाओं को दबा दिया जाता है, क्योंकि वे स्वयं को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं और उनकी दृष्टि में पादरी सभ्य गृहस्थ होते हैं !

बिना किसी कारण व्यक्ति को ३० मिनट कोठरी में बंद करनेवाला पुलिसकर्मी ५० सहस्र रुपयों से दंडित !

देहली उच्च न्यायालय का अभिनंदन ! अपेक्षा है कि न्यायालय यदि ऐसा ही तथा इससे भी अधिक कठोर दंड उद्दंड पुलिसकर्मियों को करेगा, तो ही उनमें कुछ तो परिवर्तन आएगा !

गुंडों द्वारा की जा रही जबरन पैसे वसूली की कान्ट्रेक्टर की मनाही; तो कर दी निर्माणाधीन सडक की खुदाई !

उत्तर प्रदेश में अब तक गुंडागिरी शेष होने से ऐसी घटनाएं हो रही हैं । अत: इन गुंडों के विषय में सरकार को अधिक कठोर होने की आवश्यकता है !

संसद में राजनीतिक विरोधियों के संबंध में अपमानजनक वक्तव्य देना कोई अपराध नहीं है ! – सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय !

झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक सीता सोरेन के विरुद्ध एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की ।

साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकूर स्वयंपर हुए अत्याचारों का कथन करते समय हुई भावुक !

वर्तमान में हिन्दू साधु-संतों पर हुए आत्यंतिक अत्याचारों का धधकता उदाहरण है, साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकूर ! हिन्दूद्वेषी कांग्रेस ही इन अत्याचारों की सूत्रधार है, अतः हिन्दू उसे कभी भूल नहीं सकते तथा क्षमा भी नहीं कर सकते !

(और इनकी सुनिए…) ‘कार्यकाल पूर्ण होने के पूर्व अल्पसंख्यकों को १० सहस्र करोड रुपए तक अनुदान दूंगा !’ – सिद्धरामय्या

बहुसंख्यक हिन्दू जो कर भरते हैं, केवल मतों की राजनीति के लिए उस धनराशि को अन्य धर्मियों पर पानी की भांति बहानेवाली कांग्रेस को चुनकर लानेवाले हिन्दुओं को क्या यह स्वीकार है ?