बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू धर्म के विषय के अभ्यासक्रम का प्रारंभ !

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की अभिनंदनीय कृति ! इस प्रकार के अभ्यासक्रम देश के अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा भी चालू करना आवश्यक । इस प्रकार सच्चे अर्थ में नीतिमान और चरित्रसंपन्न पीढी निर्माण होगी !

(कहते हैं) ‘उत्तर प्रदेश में न केवल मुसलमान, अपितु हिन्दू तालिबानी भी हैं !’ – गीतकार मुनव्वर राणा

क्या हिन्दू आतंकवादी होने का एक भी उदाहरण है, मुनव्वर राणा के पास ? इसके विपरीत, मुसलमान आतंकवादी हैं, इसे प्रमाणित करने की भी आवश्यकता नहीं है !

(कहते हैं) ‘गैर-ब्राह्मणों की नियुक्ति करते समय, पूर्व पुजारियों को नहीं हटाया जाएगा एवं यदि कहीं पर ऐसा किया गया, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी !’ –  द्रमुक सरकार

तमिलनाडु सरकार द्वारा मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्ति का प्रकरण !

ज्ञानवापी मस्जिद में दी जाए पूजा की अनुमति ! – दीवानी न्यायालय में ५ महिलाओं ने प्रविष्ट की याचिका

यह गर्व की बात है कि ५ हिन्दू महिलाओं ने ऐसी मांग करने का साहस दिखाया । भारत में जन्में हिन्दुओं को इससे सीख लेनी चाहिए !

(कहते हैं ) ‘कश्मीर एक अलग देश है तथा उसपर भारत एवं पाकिस्तान ने नियंत्रण प्राप्त किया है !’

खालिस्तान की भाषा बोलने वाले माली को देशद्रोह के अपराध में बंदी बनाकर कारागृह में ही डाल देना चाहिए ! केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए, कि ऐसे देशद्रोहियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही न होने के कारण अन्यों को भी वैसा करने की स्वतंत्रता मिल रही है !

(कहते हैं) ‘हिन्दी मुसलमान तालिबान को सलाम करता है !’ – मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के (मुसलमानों के अखिल भारतीय कानून समिति के) प्रवक्ता मौलाना (इस्लामी अभ्यासक) सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन किया है ।

शिवशाहिर श्री. बाबासाहब पुरंदरे के सौवें वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सम्मान !

आप कभी भी मुझसे मिलने आ सकते हैं, पुन: पुन: आइये ! – बाबासाहब पुरंदरे का समिति के कार्यर्ताओं को निमंत्रण

‘पिंजरे के तोते’ (सी.बी.आई.) को बेडि़यों से मुक्त करें ! – मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से केंद्र सरकार को आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच विभाग को अर्थात सी.बी.आई. को ‘पिंजरे का तोता’ कहते हुए ‘इस तोते’ को (सी.बी.आई.को) केंद्र सरकार को उसकी बेडि़यों से मुक्त करना चाहिए’, ऐसा आदेश दिया है ।

विश्वस्तरीय हिन्दुत्व का विघटन’, इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन !

ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हिन्दू-विरोधी वक्तव्य दिए जाते हैं । इसे रोकने के लिए, हिन्दुओं को वैधानिक पद्धति से इसका विरोध कर, वैचारिक प्रतिवाद करने की आवश्यकता है !

तमिलनाडु के मंदिरों में पुजारियों की सरकारी नियुक्तियों के विरुद्ध न्यायालय जाएंगे ! – डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी

डॉ स्वामी के अतिरिक्त अधिकांश हिन्दू जनप्रतिनिधि मंदिरों के लिए कानूनी संघर्ष करते हुए नहीं दिखाई देते । ऐसे निष्क्रिय एवं धर्माभिमान-रहित जनप्रतिनिधियों को चुनना, यह हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक !