‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ के विरोध में आवाज उठाने वाले बिशप के विरोध में धर्मांध संगठनों के प्रदर्शन

बिशप द्वारा सीधे धर्मांधों पर टिप्पणी करने से उन्हें मिरची लगी है और उन्होंने विरोध करना चालू किया है ! इसे कहते हैं ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे !’- संपादक

‘नार्कोटिक जिहाद’ अर्थात क्या ?

गैर मुसलमान युवक-युवतियों को नशीले पदार्थों का सेवन करने की आदत लगाकर उनका जीवन बरबाद किया जाता है । इस प्रकार बिना हथियार के गैर मुसलमानों की युवा पीढी समाप्त की जाती है । जिहाद का अर्थात इस्लामी धर्म युद्ध का ही यह एक भाग है ।


कोट्टयम् (केरल) – यहां के सायरो मलबार चर्च के बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने ‘ईसाइयों को ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ के द्वारा जाल में फंसाया जाता है’, ऐसा विधान किया था । इसका विरोध करने के लिए मुसलमानों ने बिशप (चर्च में उच्चपद पर कार्यरत पादरी) कल्लारनगट्ट के घर के बाहर प्रदर्शन किया ।  ‘कोट्टायम् महल मुस्लिम कोऑर्डिनेशन कमिटी’ के २०० से अधिक धर्मांध इसमें सहभागी हुए थे । साथ ही बिशप के विरोध में पुलिस में शिकायत प्रविष्ट की है ।

१. भाजपा ने बिशप के विधान का समर्थन किया है । भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने ‘यह एक गंभीर सूत्र होकर इसपर समाज को चर्चा करनी चाहिए’, ऐसा कहा है । (भाजपा ने केंद्र सरकार को इस विषय के बारे में बताकर इसकी गहराई से जांच कर संबंधित लोगों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक)

२. कैथोलिक संस्थाओं ने बिशप के विधान का समर्थन किया है । ईसाइयों ने कहा कि, ‘नार्कोटिक जिहाद’ का ईसाई युवकोें पर बडा़ परिणाम होता है । वे नशीले पदार्थों का सेवन करने लगे हैं । होटल और जूस सेंटर के माध्यम से ‘नार्कोटिक जिहाद’ चल रहा है । इसके पीछे कट्टरतावादी जिहादी हैं ।

३. ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के ए.ए. रहीम ने बिशप के विधान पर ‘दुर्भाग्यपूर्ण और योग्य जानकारी के बिना’ ऐसा कहा है ।

४. ‘केरल प्रदेश काँग्रेस कमिटी’ के अध्यक्ष पी.टी. थॉमस ने भी टिप्पणी करते हुए ‘ऐसे विधान समाज का वातावरण बिगाड़ सकते हैं’, ऐसा कहा है । (‘समाज में जो चल रहा है, उसे स्पष्टता से रखना अर्थात वातावरण बिगाड़ना’, ऐसा काँग्रेस को लगता होगा, तो इसका अर्थ ‘समाज को अन्याय सहन करना चाहिए’, ऐसा काँग्रेस को लगता है क्या ? थॉमस  का ईसाई होकर उनका बिशप के विधान से सहमत ना होना, यह काँग्रेस में होने का परिणाम है, ऐसा जनता को लगता है ! – संपादक)

(कहते हैं) ‘किसी एक समस्या के लिए किसी एक धर्म को लक्ष्य नहीं बनाया जा सकता !’ – केरल के मुख्यमंत्री

केरल में कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री की ओर से इससे अलग अपेक्षा क्या की जा सकती है ? अब तो ईसाई समाज कम्यूनिस्टों का सच्चा स्वरूप जानेगी क्या ?– संपादक

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन्

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन् ने बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट के विधान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, बिशप एक प्रभावशाली और धार्मिक विद्वान है । हम पहली बार ही ‘नार्कोटिक जिहाद’ ऐसा शब्द सुन रहे हैं । नशीले पदार्थों की समस्या के लिए किसी एक धर्म को लक्ष्य नहीं बनाया जा सकता । इससे संपूर्ण समाज पर बुरा परिणाम होने वाला है । इस कारण हम चिंतित हैं । उत्तरदायी पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे विधान करते समय सतर्कता रखनी चाहिए । धर्म के आधार पर विभाजन हो सकने वाले विधान नहीं देने चाहिए । (बिशप द्वारा किए विधान की जांच करने का प्रयास करेंगे, ऐसा विधान मुख्यमंत्री नहीं करते हैं, यह ध्यान दें ! – संपादक)