भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषध के (आई.सी.एम.आर. के) पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर का दावा !
नागपुर (महाराष्ट्र) – भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने यह दावा किया है, कि कोरोना की पहली लहर समाप्त होकर दूसरी लहर आने की स्थिति होने पर, अब तीसरी लहर भी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है ; परंतु, देश में तीसरी लहर आने की संभावना अल्प है । यदि वह आ भी गई, तब भी वह दूसरी लहर की अपेक्षा बहुत ही क्षीण होगी ।
Chances of 3rd Wave 'Very Low' Yet Reopening Schools Shouldn't be Rushed: Top Scientist
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— News18 (@CNNnews18) September 13, 2021
डॉ. गंगाखेडकर ने कहा कि,
१. विद्यालयों को पुनः आरंभ करने का निर्णय शीघ्रता में नहीं लिया जाना चाहिए ; क्योंकि, अध्ययन से यह बात सामने आई है, कि छोटे बच्चों पर कोरोना का प्रभाव लंबे समय तक रह रहा है । अतः, विद्यालयों को खोलने का निर्णय लेते समय विचार करने की आवश्यकता है ।
२. अनेक वैज्ञानिक यह मानते हैं, कि इससे आगे कोरोना नियमित सामान्य विषाणु बन सकता है । जिन्होंने टीके की दोनों मात्रा ली है और उनमें कोरोना का संक्रमण हुआ भी, तब भी उसके अल्प लक्षण दिख सकते हैं । इसलिए, टीकाकरण के उपरांत भी मास्क लगाना और सामाजिक दूरी का पालन करना आवश्यक है ।
३. टीके की मात्रा विषाणु का संक्रमण होने से नहीं रोकती, अपितु उसका संकट अल्प बनाती हैं । जबतक कोरोना का कोई अन्य नया प्रकार नहीं आता अथवा टीकाकरण का प्रभाव अल्प नहीं हो जाता, तबतक कोरोना के बढते रोगी संख्या के प्रति भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । जिन स्थानों पर कोरोना की पहली और दूसरी लहर का प्रभाव अल्प प्रतीत हुआ, वहां विषाणु का प्रसार हो सकता है और जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लिया है, वह उन्हें अपना लक्ष्य बना सकता है ।