नई दिल्ली – भाजपा नेता तथा सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने अपनी नई पुस्तक, ‘ह्यूमन राइटस एन्ड टेररिजम इन इंडिया’ (भारत में मानवाधिकार और आतंकवाद) में ऐसा प्रतिपादित किया है, कि हिन्दुओं की संस्कृति और हिन्दुओं का साहस तोडने का आतंकियों का राजनीतिक लक्ष्य है । उन्हें भारत के मुलभूत आधार को ही खोखला बनाना है ; इसलिए, भारत को आतंकियों की मांगों के सामने कभी घुटने नहीं टेकने चाहिएं ।
The release of three dreaded terrorists in exchange of hijacked Indian Airlines passengers in Afghanistan's Kandahar in 1999 is the "worst capitulation" to terrorists in India's modern history, says BJP MP #SubramanianSwamy.https://t.co/CVelvRvhHf
— The Hindu (@the_hindu) September 12, 2021
इस पुस्तक में डॉ. स्वामी ने यह भी कहा है, कि आतंकवाद का सामना करने हेतु उचित उपायों सहित, मानवीय एवं मौलिक अधिकारों में किस प्रकार समन्वय रखना चाहिए । ‘वर्ष १९९९ में आतंकियों ने इंडियन एयरलाईन्स के विमान का अपहरण कर, यात्रियों को छोडने के बदले में उनके ५ आतंकियों को छोडने की मांग के सामने भारत का झुकना दुर्भाग्यपूर्ण था ।’
डॉ. स्वामी ने आगे लिखा है, कि आज भारत देश पाकिस्तान, तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान, इस्लामिक स्टेट एवं अन्य आतंकी संगठनों, साथ ही चीन का समर्थन प्राप्त, पूर्व के आतंकियों द्वारा घिरा हुआ है । हमें टुकडों-टुकडों में नहीं, अपितु संपूर्ण क्षमता से और प्रभावशाली पद्धति से इसका उपाय करने की आवश्यकता है । इससे पूर्व, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष स्वरूप में ऐसी विध्वंसकारी शक्तियों ने भारत के सामने संकट खडा नहीं किया था और हिंसा के द्वारा भारत की शांतिप्रिय जनता को भयभीत नहीं किया था ।