भाग्यनगर (हैदराबाद, तेलंगाना) में ११७ बार वाहन नियमों का उल्लंघन, धर्मांध के वाहन को अधिग्रहण करने की सूचना !
क्या ११७ बार वाहन नियमों का उल्लंघन होने तक पुलिस सो रही थी ?
क्या ११७ बार वाहन नियमों का उल्लंघन होने तक पुलिस सो रही थी ?
हिन्दू संतों पर लगनेवाले कथित आरोपों के संदर्भ में निरंतर विषवमन करनेवाले कांग्रेसी, धर्मनिरपेक्षतावादी, प्रसारमाध्यम आदि ऐसे पादरियों के विषय में एक शब्द भी नहीं निकालते, यह ध्यान में लीजिए !
छोटे बच्चों की अश्लील फिल्मों का प्रकरण
इससे समाज में पुलिस का कितना दबदबा है, यह ध्यान में आता है ! सरकार को ऐसे नागरिकों पर कार्यवाही करनी चाहिए !
शिक्षक के पद को कालिख पोतनेवाले ऐसे वासनांधों को फांसी का ही दंड देना चाहिए !
देश के अधिकांश राज्यों में सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों, पुलिस आदि को स्थानांतरण के लिए रिश्वत का भुगतान करना पडता है या वे इसके लिए स्वयं भुगतान करते हैं । किन्तु, कभी कोई इस संबंध में समीक्षा नहीं करता । वास्तविक स्थिति ऐसी है, मानो यह प्रशासन का अघोषित हिस्सा हो । हिन्दू राष्ट्र में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं होगा !
संतों को इसके लिए ऐसी मांग और चेतावनी क्यों देनी पडती है ? हिन्दुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार को हिन्दू विरोधी पुस्तकों पर स्वयं प्रतिबंध लगाना चाहिए !
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है, कि वह ध्वनि प्रदूषण नियम २००० के अंतर्गत, ध्वनि प्रक्षेपक के उपयोग को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई के संबंध में न्यायालय को जानकारी देने के लिए अधिकारियों को कहे ।
सनातन संस्था एवं शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के मध्य आत्मीय संबंध थे । उन्हें मृत्त्योत्तर सद्गति प्राप्त हो, यह श्री भवानीमाता के चरणों में प्रार्थना !
क्या अबतक के सर्वदलीय शासनकर्ता इसका उत्तर देंगे कि यह इतिहास हिन्दुओं के छिपाया क्यों गया ? यह नरसंहार क्यों और किसने किया ?, यह अब तो हिन्दुओं को बताया जाना चाहिए !
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपने मृत्युपत्र में कहा है कि ‘मेरी मृत्यु के उपरांत मेरे पार्थिव शरीर को दफनाने के स्थान पर उसका हिन्दू पद्धति से दहन किया जाए ।’ अपने मृत्युपत्र में उन्होंने आगे यह भी लिखा है कि ‘मेरे अंतिमसंस्कार के समय गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यती नरसिंहानंद के करकमलों से मुखाग्नि दी जाए ।’