अक्टूबर के अंत तक गगनयान मुहिम का परीक्षण 

‘गगनयान’ में ३ सदस्यों का दल ३ दिनों की मुहिम के लिए पृथ्वी से ४०० किलोमीटर ऊपर कक्षा में भेजा जाएगा । इसके उपरांत उनका यान समुद्र में सुरक्षित उतरा जाएगा ।

(और इनकी सुनिए…) ‘कार्यकाल पूर्ण होने के पूर्व अल्पसंख्यकों को १० सहस्र करोड रुपए तक अनुदान दूंगा !’ – सिद्धरामय्या

बहुसंख्यक हिन्दू जो कर भरते हैं, केवल मतों की राजनीति के लिए उस धनराशि को अन्य धर्मियों पर पानी की भांति बहानेवाली कांग्रेस को चुनकर लानेवाले हिन्दुओं को क्या यह स्वीकार है ?

शिवमोग्गा (कर्नाटक) में ईद की शोभायात्रा पर अज्ञातों द्वारा पथराव किया जानेपर मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के घरों पर पथराव !

‘क्या हिन्दुओं पर जानबूझकर आक्रमण करने हेतु ईद की शोभायात्रा पर पथराव करने का षड्यंत्र धर्मांध मुसलमानों ने रचा था ?’, इसकी पूछताछ होनी चाहिए !

६ अक्टूबर तक ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’ के जागने की प्रतीक्षा करेंगे ! – इसरो

चंद्रयान-३ के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के उपरांत १४ दिनों तक उन्होंने वहां की जानकारी भेजी । १४ दिनों उपरांत वहां आगे के १४ दिन सूर्य न निकलने से अंधेरा हुआ । इस कालावधि में वहां अत्यधिक ठंड रहती है ।

कावेरी नदी के विवाद पर किसानों ने किया बेंगलुरू बंद का आवाहन

कावेरी नदी के विवाद के कारण किसानों ने २६ सितंबर को बंद का आवाहन किया । कावेरी जल व्यवस्थापन प्राधिकरण ने १३ सितंबर को तमिलनाडु को कावेरी नदी से १५ दिनों के लिए ५ सहस्र क्युसेक जल बाहर छोडने का आदेश दिया था ।

कर्नाटक में गोमांस लेकर जानेवाले चारपहिए में श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने लगाई आग !

श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं को गोतस्कर दिखाई देते हैं, परंतु सभी साधन-सुविधाएं होते हुए भी पुलिस को क्यों नहीं दिखाई देते ? या पैसा लेकर पुलिस उनकी अनदेखी करती है ?

कर्नाटक के सरकारी विद्यालय में छात्रा द्वारा श्री गणेश की पूजा करने पर अध्‍यापिका ने निर्दयता से पीटा !

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने के कारण हिन्‍दुओं  पर निरंतर अत्‍याचार किए जा रहे हैं । कांग्रेस को सत्ता पर बिठाने वाले हिन्‍दुओं को यह मान्‍य है क्‍या ?

कर्नाटक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने तिलक लगवाना किया अस्वीकार !

कांग्रेस के हिन्दू नेता मस्जिद में जाकर गोल टोपी पहनते हैं, रमजान के समय इफ्तार की पार्टियों में उपस्थित रहते हैं; परंतु इन नेताओं को अपने ही धर्म की कृति करना अस्पृश्य लगता है । ऐसे लोग अस्पृश्यता पर अन्यों को ‘ज्ञान’ देते रहते हैं !

(और इनकी सुनिए…) ‘देश में ‘मनुस्मृति’ लागू होने पर ९५% लोग गुलाम होंगे ! – सिद्धरामय्या, मुख्यमंत्री, कर्नाटक

मनुस्मृति का सही अध्ययन किया तो यह कितनी उपयुक्त है, यह सिद्धरामय्या के ध्यान में आएगा; परंतु पारंपरिक वोट पाने के लिए आजकल मनुस्मृति की इस प्रकार आलोचना करने की नेताओं में होड लगी है, इसी का यह एक उदाहरण है !