धर्मांतरण के पश्चात भी व्यक्ति की जाति वही रहती है ! – मद्रास उच्च न्यायालय
परंतु, धर्मांतरण के पश्चात, जाति के अनुसार आरक्षण देना न्यायालय ने अस्वीकार किया !
परंतु, धर्मांतरण के पश्चात, जाति के अनुसार आरक्षण देना न्यायालय ने अस्वीकार किया !
यदि प्रशासन को आवेदन देने के पश्चात भी कार्यवाही नहीं की जाती हो, तो ऐसा प्रशासन किस काम का ? क्या सरकारी भूमि पर अवैध मजार बनने तक प्रशासन सो रहा था ?
प्रत्येक सूत्र के लिए यदि न्यायालय जाकर सरकार को आदेश देना पडता हो, तो यह सरकारी तंत्र का सफेद हाथी चाहिए ही क्यों ?
गांव में प्रति १ सहस्र पुरुषों की तुलना में १ सहस्र ३७ महिलाएं हैं; परंतु शहरों में यही अनुपात ९८५ ही है । वर्ष २०१५-१६ में स्वयं के आधुनिक शौचालयों से युक्त घरों का अनुपात ४८.५ था । वर्ष २०१९-२० में यह अनुपात ७०.२ प्रतिशत हुआ । देश के ९६.८ प्रतिशत घरोंतक बिजली पहुंच गई है ।
देश के सभी राज्यों में यह नियम बनाया जाना चाहिए !
ऐसे वासनांध धर्मांधों को यही दंड उचित है !
मंडल के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा है कि, “भारतीय खिलाडियों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है । वे जो चाहें वे व्यंजन खा सकते हैं । यह उनकी व्यक्तिगत बात है ।”
यह बताने के लिए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को इतने वर्ष क्यों लगे ? उन्होंने उसी समय यह क्यों नहीं बताया ? अब अपनी पुस्तक बिक जाए; इसके लिए ही वे यह बता रहे हैं, यही स्पष्ट होता है !
पुलिस ने कुछ दिन पूर्व, यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक संजीत की हत्या के प्रकरण में, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को बंदी बना लिया है ।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की कार्यवाही !