पाकिस्तान में मुसलमानों ने हिन्दू लडकी का अपहरण कर किया सामूहिक बलात्कार

पुलिस ने अपराध प्रविष्ट करना नकारा

बलात्कार रोकने के लिए देश में शरीयत कानून लागू करें ! – एस.टी. हसन, सांसद, समाजवादी पार्टी

सांसद हसन ने आगे कहा कि, बलात्कार की ऐसी घटनाएं रोकने के लिए शरीयत कानून के अनुसार दंड देने से एक प्रकार का भय निर्माण होगा एवं इस कारण बलात्कार की घटनाएं रुकेंगी ।

पाकिस्तान में अब बलात्कारियों को बीच चौराहे पर दी जाएगी फांसी !

पाकिस्तान ऐसा कानून बना सकता है, तो भारत क्यों नहीं बन सकता ?

कयामुद्दीन, जहांगीर तथा सिकंदर, इन तीनों ने चलती कार में एक अल्पायु लडकी पर किया बलात्कार  !

शरीयत के अनुसार ऐसे लोगों को भरे चौक पर बांधकर पत्थरों से मारने का दंड सुनाने की मांग की जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं !

बस्‍ती (उत्तर प्रदेश) के घर में घुसकर महिला का दो लोगों द्वारा सामूहिक बलात्‍कार  

ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा देने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए !

मुझफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में एक मस्जिद के मदरसे में मौलवी द्वारा बालिका के साथ बलात्कार

अरब देशों में जिस प्रकार अपराधी को शरीयत के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर पत्थर मारकर मृत्युदंड दिया जाता है, यदि कोई ऐसे वासनांधों को दंडित करने की ऐसी मांग करे, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं लगना चाहिए !

लाहौर (पाकिस्तान) में ३ माह तक बलात्कार करनेवाले पिता को अव्यस्क लडकी ने गोलियाें से भून डाला  !

इससे ध्यान में आता है ऐसे विकृत लोग अन्य धर्मियों की बहू-बेटियों के साथ कैसा बर्ताव करते होंगे !

सुनवाई के समय गुजरात उच्च न्यायालय ने दिया स्कंद पुराण का संदर्भ  !

गुजरात उच्च न्यायालय ने एक घटना की सुनवाई करते समय स्कंद पुराण का संदर्भ दिया । अल्पायु लडकी का बलात्कार होने के पश्चात वह गर्भवती हो गई । उसके माता-पिता उसका गर्भपात करवाना चाहते थे ।

‘लिव इन रिलेशनशिप’ द्वारा भारत की विवाह संस्था परंपरा को वैधानिक रूप से ध्वस्त करने का प्रयास ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि इस देश में ‘लिव इन रिलेशनशिप’ विवाह संस्था कालबाह्य होने के उपरांत ही सामान्य मानी जाएगी । ऐसा अनेक विकसित देशों में हुआ है ।

पाकिस्तान में सिंध प्रांत के अस्पताल में हिन्दू महिला पर डॉक्टरों द्वारा सामूहिक बलात्कार

भारत के अल्पसंख्यकों पर तथाकथित अत्याचार पर हंगामा मचाकर, भारत के हिन्दुओं को तालिबानी कहनेवाला आंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अब मौन क्यों ?