‘सनातन प्रभात’ में किए गए उद्बोधन के अनुसार आज से ही कृति करना आरंभ करें !

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की २४ वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संदेश

‘सनातन प्रभात’ की लेखनी !

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की लेखनी के माध्यम से राष्ट्र-धर्म के हो रहे कार्य का जब-जब गौरव हुआ, तब यह लेखनी स्थिर हुई तथा कठिन काल में भी अपनी प्रखर ध्येयनिष्ठा के कारण अविचल रही !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में समाजमानस बनानेवाला ‘सनातन प्रभात’ !

‘सनातन प्रभात’ के पाठक, वितरक, शुभचिंतक, विज्ञापनदाता, हिन्दुत्वनिष्ठ आदि सभी सनातन परिवार के एक अविभाज्य अंग ही हैं ! इस अंक के उपलक्ष्य में होनेवाला विचारों का आदान-प्रदान तो हमारे लिए संपूर्ण वर्ष के ज्ञान का संग्रह है ।

‘सनातन प्रभात’ की यात्रा के कुछ विशेष क्षणों के छायाचित्र !

दैनिक के रत्नागिरी संस्करण के प्रकाशन समारोह में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी (वर्ष १९९९)

‘सनातन प्रभात’ के ‘ई-पेपर’ का एक संत द्वारा बनाया सूक्ष्म चित्र !

मारक शक्ति के कणों का ‘ई-पेपर’ से वातावरण में, साथ ही उसे पढनेवाले व्यक्ति की ओर प्रक्षेपण होनेसे व्यक्ति को धर्म का महत्त्व समझ में आता है तथा वह व्यक्ति साधना, साथ ही धर्मकार्य करने हेतु प्रेरित होता है ।

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मान्यवरों एवं पाठकों की प्रतिक्रियाएं !

धर्म की रक्षा, उसकी स्थापना तथा दुष्प्रवृत्तियों के विनाश हेतु ही ‘सनातन प्रभात’ का जन्म !

Mahim Fort : माहीम किले पर हुआ अतिक्रमण सरकार ने हटाया !

पीछले अनेक वर्षाें से अतिक्रमण करनेवालों ने किले का प्रवेशद्वार बंद कर वहीं से किले के भीतर तक घर बनाए थे । अब यह अतिक्रमण हटाया जाने पर अनेक वर्षाें के उपरांत किले का मुख्य द्वार खुला किया गया है ।

रक्षाबंधन के दिन बहन को चिरंतन ज्ञानामृत से युक्त सनातन के ग्रंथ भेंट कर, साथ ही राष्ट्र-धर्म के प्रति अभिमान बढानेवाले सनातन प्रभात की पाठिका बनाकर अनोखा उपहार दीजिए !

रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सर्वत्र के हिन्दू भाईयों से आवाहन !

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के हिन्दूहित के आंदोलनों को ‘सनातन प्रभात’ के कारण वैचारिक बल मिलता है ! – संदीप शिंदे, सहसंपादक, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक समूह

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ने इस वर्ष रजतमहोत्सवीय अर्थात २५ वें वर्ष में पदार्पण किया है । व्या वर्षात पदार्पण केले आहे. हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के हिन्दूहित के आंदोलनों को ‘सनातन प्रभात’ के कारण वैचारिक बल मिलता है ।

अंतर्मन को सुसंस्कारी बनानेवाली हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ संबंधी सेवा !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के माध्यम से विगत अनेक वर्षाें से समाजप्रबोधन किया जा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकोंद्वारा ‘राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे प्रहार, संतों का मार्गदर्शन, साधकों को हुई अनुभूतियां, सूक्ष्म ज्ञान’ आदि के संबंध में विविध लेखों के माध्यम से समाज के व्यक्तियों का मार्गदर्शन किया जाता है एवं उन्हें साधनाप्रवण किया जाता है ।