हिन्दू राष्ट्र की स्थापना वर्ष २०२५ तक होगी ! – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकाल भले ही आगे गया हो, तब भी उसका आरंभ कभी भी हो सकता है। कोरोना जैसी महामारी के माध्यम से हमने इसका अनुभव लिया ही है। तीसरे विश्वयुद्ध का आरंभ कभी भी हो सकता है। इसलिए साधक आपातकाल की तैयारी जारी रखें !’ – परात्पर गुरु डॉ. आठवले

अवैध कृत्य करने के कारण इटली में ‘अमेजन’ पर ९ सहस्र ८४३ करोड ७३ लाख रुपए का जुर्माना !

भारत में भी ‘अमेजन’ पर कई आरोप लगे हैं ! सरकार को उनकी जांच कर उन पर इस प्रकार के आर्थिक दंड लगाने का साहस दिखाना चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में ‘सनातन प्रभात’ की सक्रिय सहभागिता, उसे प्राप्त सफलता और पाठकों को होनेवाला आध्यात्मिक लाभ !

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में ‘सनातन प्रभात’ की सक्रिय सहभागिता’, यह विषय मैं एक पाठक, एक साधक, एक हिन्दू धर्मप्रेमी और एक राष्ट्रप्रेमी की दृष्टि से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं

दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के रूप में मानो पांचवां वेद निर्माण कर समाज पर बहुत बडा उपकार करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ! – श्री. चंद्रकांत (भाई) पंडित, अध्यक्ष, गोमंतक मंदिर महासंघ, गोवा.

परात्पर गुरु डॉक्टरजी स्वयं की देह की चिंता किए बिना ‘हम समस्त हिन्दुओं की रक्षा हो और हमारा देश अखंड एवं बलशाली बने’, इसके लिए प्रयासरत हैं । ‘केवल हमारे देश में ही नहीं, अपितु समस्त विश्व में ही हिन्दू राष्ट्र आए अर्थात रामराज्य आए’, इसके लिए वे प्रयास करते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा आरंभ किए गए ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक अपने लक्ष्य के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर होने की साधक को हुई प्रतीति !

केवल व्यावसायिकता, शीर्ष तक पहुंचने की स्पर्धा, आर्थिक घोटाले, एक-दूसरे पर हावी होनेवाली सामाजिक संस्थाएं और नियतकालिक आदि किस प्रकार के कार्यकर्ता तैयार करते हैं, इस पर उन्हें विचार करना चाहिए । सृजनात्मक लक्ष्य लेकर कार्यरत ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों में सेवा करने से आज हम व्यवसाय करते समय भी सामाजिक भान रखकर आचरण कर पा रहे हैं ।

दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होनेवाले लेख अब जालस्थल (वेबसाइट) की एक ही ‘लिंक’ द्वारा देखने की सुविधा उपलब्ध !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के जालस्थल (वेबसाइट) पर नियतकालिकों में प्रकाशित किए जानेवाले लेख जालस्थल की विविध ‘कैटेगरीज’ में विभाजित किए गए हैं । इनमें अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय / राज्यस्तरीय / स्थानीय समाचार, राष्ट्र-धर्म लेख, साधना, अनुभूति इत्यादि विविध ‘कैटेगरीज’ का समावेश है ।

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर आक्रमणों के विरोध में इस्कॉन द्वारा १५० देशों में ७०० मंदिरों के पास आंदोलन !

इस्कॉन द्वारा विरोध प्रशंसनीय है, किन्तु कट्टरता को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत सरकार को इसमें पहल करनी चाहिए , हिन्दू  की ऎसी अपेक्षा है !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

अधिकांश समाचार पत्र केवल समाचार देने के अतिरिक्त और क्या करते हैं ? इसके विपरीत ‘सनातन प्रभात’ राष्ट्र एवं धर्म कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करता है।

दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होनेवाले लेख अब जालस्थल (वेबसाइट) की एक ही ‘लिंक’ द्वारा देखने की सुविधा उपलब्ध !

सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के जालस्थल (वेबसाइट) पर नियतकालिकों में प्रकाशित किए जानेवाले लेख जालस्थल की विविध ‘कैटेगरीज’ में विभाजित किए गए हैं । इनमें अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय/राज्यस्तरीय/स्थानीय समाचार, राष्ट्र-धर्म लेख, साधना, अनुभूति इत्यादि विविध ‘कैटेगरीज’ का समावेश है ।

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सभी साधक, पाठक, शुभचिंतक, धर्मप्रेमी, हिन्दुत्वनिष्ठ इत्यादि इस सुविधा का अवश्य उपयोग करें, ऐसी विनती ।