रक्षाबंधन के दिन बहन को चिरंतन ज्ञानामृत से युक्त सनातन के ग्रंथ भेंट कर, साथ ही राष्ट्र-धर्म के प्रति अभिमान बढानेवाले सनातन प्रभात की पाठिका बनाकर अनोखा उपहार दीजिए !

रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सर्वत्र के हिन्दू भाईयों से आवाहन !

१. रक्षाबंधन और उसका महत्त्व

‘श्रावण पूर्णिमा अर्थात रक्षाबंधन ! इस वर्ष ३०.८.२०२३ को ‘रक्षाबंधन’ है । हिन्दू संस्कृति के अनुसार इस दिन का महत्त्व अनन्य है । इस दिन बहन अपने भाई की आरती उतारकर उसके दाहिने हाथ में राखी बांधती है । इसके पीछे यह भूमिका होती है कि ‘भाई का उत्कर्ष हो और भाई उसकी रक्षा करे ।’ इस दिन भाई अपनी बहन को उपहार के रूप में पैसे अथवा उसके लिए उपयोगी वस्तुएं देता है ।

२. आज के काल के अनुसार श्रेष्ठ उपहार !

रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन को कपडे, आभूषण आदि अशाश्वत उपहार देने के स्थान पर, उपहार के रूप में चिरंतन ज्ञान का प्रसार करनेवाले सनातन की ग्रंथसंपदा में अंतर्भूत ग्रंथ दिए जा सकते हैं । उसकी भांति ही बहन को ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक का पाठक भी बनाया जा सकता है । आज के काल के अनुसार बहन को यह उपहार देना अधिक यथार्थ सिद्ध होगा ।

३. सरल भाषा में धर्मशास्त्र विशद कर धर्म के प्रति श्रद्धा बढानेवाले सनातन के ग्रंथ !

सनातन ने जुलाई २०२३ तक अध्यात्म, साधना, देवताओं की उपासना, आचारधर्म, बालसंस्कार, राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति आदि विषयों पर आधारित ३६२ ग्रंथों एवं लघुग्रंथों की ९४ लाख से अधिक प्रतियां प्रकाशित की हैं । ये ग्रंथ १७ भाषाओं में उपलब्ध हैं तथा ये ग्रंथ पाठकों को ‘काल के अनुसार आवश्यक साधना कौनसी है ?’, ‘देवताओं की उपासना कैसे करनी चाहिए ?’, ‘धार्मिक उत्सव कैसे मनाने चाहिए ?’ आदि विषयों का अमूल्य ज्ञान सरल भाषा में देते हैं । उसके कारण धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा बढती है ।

४. मन पर साधना का महत्त्व अंकित करनेवाला और स्त्रियों में प्रतिकूल प्रसंगों का सामना करने के लिए मनोधैर्य उत्पन्न करनेवाला ‘सनातन प्रभात’!

आज के समय में सामजिक परिस्थिति दयनीय होने के कारण स्त्रियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है । इसलिए उन्हें इन समस्याओं के विषय में अवगत कराकर सतर्क बनाना समय की मांग है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक निरंतर समाजोपयोगी कार्य कर रहे हैं । इन नियतकालिकों में नियमित रूप से स्वरक्षा के लिए प्रेरित करनेवाले, साथ ही ‘साधना के बल पर प्रतिकूल प्रसंगों का सामना कैसे करना चाहिए ?’ इस विषय में उपयुक्त जानकारी देनेवाले लेख प्रकाशित किए जाते हैं, जिससे स्त्रियों में कठिन प्रसंगों का सामना करने का मनौधैर्य उत्पन्न होने लगता है ।

बहन के मन पर साधना का महत्त्व अंकित कर उसे उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लानेवाले ‘सनातन प्रभात’ की पाठक बनाना और उसे उसमें दी जानेवाली अमूल्य जानकारी पढने के लिए प्रेरित करना, उसके लिए इससे अधिक श्रेष्ठ उपहार अन्य क्या हो सकता है ? बहन के लिए उपहार के रूप में देने के लिए सनातन के ग्रंथ और लघुग्रंथ चाहिए हों, तो उनकी मांग स्थानीय वितरकों से कर सकते हैं । बहन को पाठक बनाने के लिए www.SanatanPrabhat.org/subscribe/ जालस्थल पर जाएं अथवा स्थानीय साधकों से संपर्क करें । (३०.७.२०२३)