दो तपों की साधना !

‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से साप्ताहिक ‘सनातन प्रभात’ के रूप में ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक का आरंभ हुआ । सनातन प्रभात नियतकालिक की निर्मिति करनेवाले साधक इस भाव से सेवा कर रहे हैं कि ‘नियतकालिक चलाना समष्टि साधना है तथा इसके माध्यम से ईश्वरप्राप्ति करनी है ।’

मध्य प्रदेश राज्य के मान्यवरों के पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ के विषय में उद्बोधक विचार !

मैं विगत छः-सात महीनों से ‘सनातन संस्था’ के मुखपत्र सनातन प्रभातका एक नियमित पाठक हूं । यह मेरा सौभाग्य है कि पत्र के माध्यम से मुझे संस्था से भी जुडने का सुयोग मिला ।

सनातन प्रभात’ के विषय में अभिमत ‘यूनिवर्सल औरा स्कैनर’ उपकरण के द्वारा किए जानेवाले वैज्ञानिक परीक्षण अच्छे लगते हैं ! – श्रीमती चारूता माहुरकर, पुणे

सनातन प्रभात में ‘यूनिवर्सल औरा स्कैनर’ उपकरण के द्वारा किसी भी विषय से संबंधित किए गए वैज्ञानिक परीक्षण की जानकारी हो, वह मुझे बहुत अच्छी लगती है ।

अंतर्मन को सुसंस्कारी बनानेवाली हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ संबंधी सेवा !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के माध्यम से विगत अनेक वर्षों से समाजप्रबोधन किया जा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकोंद्वारा ‘राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे प्रहार, संतों का मार्गदर्शन, साधकों को हुई अनुभूतियां, सूक्ष्म ज्ञान’ आदि के संबंध में विविध लेखों के माध्यम से समाज के व्यक्तियों का मार्गदर्शन किया जाता है एवं उन्हें साधनाप्रवण किया जाता है ।

हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ से संबंधित सेवा करते समय ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी साथ हैं’, इसके संदर्भ में साधिका को हुई अनुभूतियां

‘नवंबर २०२१ में मेरी सहसाधिका दीपावली के निमित्त घर गई थी । उस समय हिन्दी पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ से संबंधित ‘नियोजन, संकलन, संरचना करने तथा पाक्षिक छपाई के लिए भेजने’ की सेवाएं करते समय मुझे हुई अनुभूतियां यहां प्रस्तुत हैं ।

आनंदप्राप्ति के लिए साधना करना ही आवश्यक ! – वैभव आफळे, समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘‘प्रारब्धभोग भोगना तथा ईश्वरप्राप्ति करना ही मनुष्यजीवन का लक्ष्य है, उसे साध्य करने के लिए साधना करना ही आवश्यक है ।

साधको, कलियुग में भगवद्गीता समान नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ का पठन और अध्ययन नियमित करें !

‘बहुत से साधक नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ नहीं पढते, यह ध्यान में आया है । ऐसे साधक ध्यान दें कि ‘उनमें सीखने की वृत्ति का अभाव है’ और उसे बढाने के लिए प्रयत्न करें ।

कल, ८ नवंबर को खग्रास चंद्रग्रहण

मंगलवार (८ नवंबर) के दिन भारत सहित संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका के पूर्वी प्रदेश और संपूर्ण दक्षिण अमेरिका में ग्रहण दिखने वाला है । भारत में कहीं भी ग्रहणस्पर्श नहीं दिखेगा ।

राखीपूर्णिमा के दिन बहन को चिरंतन ज्ञानामृत से युक्त सनातन के ग्रंथ भेंट कर, साथ ही राष्ट्र-धर्म के प्रति अभिमान बढानेवाले सनातन प्रभात की पाठिका बनाकर अनोखा उपहार दीजिए !

बहन के मन पर साधना का महत्त्व अंकित कर उसे उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लानेवाले ‘सनातन प्रभात’ की पाठक बनाना और उसे उसमें दी जानेवाली अमूल्य जानकारी पढने के लिए प्रेरित करना, उसके लिए इससे अधिक श्रेष्ठ उपहार अन्य क्या हो सकता है ?

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का महर्षि के प्रति शिष्यभाव एवं महर्षि का परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति ‘श्रीमन्नारायण के अवतार’ में आदरभाव !

रथोत्सव के दिन सवेरे सप्तर्षियों का संदेश आया, ‘श्रीमन्नारायण स्वरूप गुरुदेवजी ने हम सभी की प्रार्थना सुन ली है । प्रकृति अनुकूल हो गई है । मेघ पूर्ण रूप से गए नहीं थे; गुरुदेवजी ने उन्हें साधकों की दृष्टि से दूर ले जाकर रखा था । रथोत्सव समाप्त होने पर ये मेघ पुन: बरसेंगे ।