गुरुग्राम (हरियाणा) यहां सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढने की पुलिस की अनुमति !

सार्वजनिक स्थान पर कुछ भी करने से पहले प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक होता है । यदि प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढने की अनुमति ली गई होगी, तो हिन्दुओं द्वारा प्रत्येक दिन विविध देवताओं की पूजा और स्तोत्र पढने की अनुमति मांगी, तो इसे गलत नहीं कह सकते !

धर्मांतरण जिहाद !

हिन्दू धर्म को राजाश्रय देकर हिन्दुओं की सुरक्षितता और सर्वंकष कल्याण का संकल्प करनेवाले हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही एकमात्र विकल्प है !

बांग्लादेश में धर्मांधों द्वारा श्री दुर्गादेवी पूजा मंडप पर आक्रमण कर वहां की विविध देवताओं की मूर्तियों की तोडफोड !

जानबूझकर स्वयं ही कुरआन का अनादर कर उसका ठिकरा हिन्दुओं पर फोडा !

ढाका (बांग्लादेश) में श्री दुर्गा देवी मंदिर में देवी की पूजा का धर्मांधों द्वारा विरोध !

बांग्लादेश में असुरक्षित हिन्दू एवं उनके धार्मिक त्योहार !
मूर्ति को दूसरे स्थान ले जाकर स्थापित किया !

इंदौर (मध्यप्रदेश) के गरबा कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले ४ मुसलमान युवकों को हिरासत में लिया और छोडा़

हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में मूर्ति पूजा को नकारने वालों को उपस्थित रहने का क्या अधिकार ? यदि उनको हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागी होना है, तो केवल पुरूष ही क्यों ? मुसलमान युवतियां क्यों नहीं उपस्थित रहतीं ? ऐसे प्रश्न हिन्दुओं के मन में आते हैं !

अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित नहीं ! – तस्लीमा नसरीन, बांगलादेशी लेखिका

पाकिस्तान में शिया, अहमदिया और ईसाइयों को सुन्नी जान से मारते हैं । जो देश अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षित नहीं, वे निश्चित ही सुसंस्कृत नहीं, ऐसी टिप्पणी प्रसिद्ध बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक ट्विटर द्वारा की है ।

(कहती हैं) ‘आर्यन खान मुसलमान होने के कारण उसे पीडित किया जा रहा है !’ – महबूबा मुफ्ती

अपराध करने के कारण पकडे जाने पर अधिकांश मुस्लिम नेता इसी प्रकार का रोना-धोना करते हैं तथा सहानुभूति प्राप्त करने का प्रयास करते हैं; परंतु अब देश की जनता समझदार हो जाने के कारण ऐसे रोने पर कोई भी ध्यान नहीं देगा !

असम में अधिकांश मुसलमान हैं धर्मांतरित ! – हिमंत बिस्व सरमा, मुख्यमंत्री, असम

धर्मांतरण का संकट जानते हुए क्या केंद्र सरकार अभी तो धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करेगी ?

असम में बीजेपी को ‘मियां मुसलमानों’ के मत नहीं चाहिए ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सर्मा , असम

स्वतंत्रता  के उपरांत राजनेताओं द्वारा मतपेटी को ध्यान में रखकर बड़ी संख्या में मुसलमानों का तुष्टीकरण  किया गया । इससे  बहुसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ । उनके साथ दूसरे श्रेणी के नागरिकों जैसा व्यवहार किया गया । इस पृष्ठभूमि में  हिमंत बिस्वा सरमा की नीति बहुसंख्यक हिन्दुओं को दिलासा देने वाली  है !

(कहते हैं) ‘मोहम्मद गजनी १०वीं शताब्दी का प्रसिद्ध मुसलमान योद्धा था, जिसने सोमनाथ की मूर्ति तोडी थी !’

इससे तालिबानी सरकार भारत और हिन्दूद्वेषी है, यही स्पष्ट होता है ! भारत को ऐसे सरकार के साथ किसी भी प्रकार के संबंध न रखकर उसका बहिष्कार ही करना चाहिए !’