गुरुग्राम (हरियाणा) यहां सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढने की पुलिस की अनुमति !

  • विरोध करने वाले हिन्दुओं की ओर से तालमेल कर नमाज पढने की अनुमति

  • सामाजिक माध्यम से टिपणी

  • सार्वजनिक स्थान पर कुछ भी करने से पहले प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक होता है । यदि प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढने की अनुमति ली गई होगी, तो हिन्दुओं द्वारा प्रत्येक दिन विविध देवताओं की पूजा और स्तोत्र पढने की अनुमति मांगी, तो इसे गलत नहीं कह सकते ! – संपादक 
  • कुछ मुसलमान पहले सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ना शुरू करते हैं और धीरे धीरे उस स्थान पर नियंत्रण कर वहां अवैध मस्जिद या दरगाह बना लेते हैं’, ऐसा अनुभव देश में सभी जगह है । तो भी इस प्रकार की अनुमति देना, यह भाजपा सरकार के राज्य में अपेक्षित नहीं, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक 
  • कोरोना के कारण को आगे कर हिन्दुओं को श्रीगणेश चतुर्थी, कावड यात्रा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दशहरा, दिवाली आदि त्योहार मनाने पर प्रतिबंध लगाने वाला सरकारी तंत्र मुसलमानों को सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढने की अनुमति देता है, यह ध्यान दें ! – संपादक

     गुरुग्राम (हरियाणा) – यहां कुछ दिन पहले सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढी़ गई थी । इसके लिए हिन्दुओं की ओर से विरोध करने पर हिन्दू और मुसलमानों के बीच तालमेल बिठाकर नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई । इस विषय में गुरुग्राम पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि, सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढने के विषय में हिन्दू और मुसलमानों के बीच चर्चा कर नमाज पढने का निर्णय लिया गया है । धार्मिक सद्भाव और शांति बनाए रखना हमारा दायित्व है । (हिन्दू बहुसंख्यक देश में अल्प संख्यकों के कारण तनावग्रस्त हुआ वातावरण शांत और सौहार्द्रपूर्ण करने के लिए हमेशा हिन्दुओं को ही पीछ हटना पडता है, यह ध्यान दे ! – संपादक)

     पुलिस के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में टिप्पणियां हो रही है । ‘पुलिस लोगों का विरोध होते हुए सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढने को कैसे सही बता सकती है ?’ ऐसा प्रश्न पूछा जा रहा है । कुछ लोगों ने कहा कि, मस्जिद में नमाज नहीं पढ सकते क्या ? तालमेल कर सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करना सही है क्या ? यदि प्रशासन इस प्रकार की अनूमति देता है, तो कल को हनुमान चालीसा और पूजा करनी भी शुरू करनी चाहिए । इस्लामी देशों में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढना गलत माना जाता है । इसके साथ ‘जिन हिन्दुओं ने तालमेल किया, उन्होंने अन्य हिन्दुओं से चर्चा की थी क्या ?’ ऐसे प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं । (२.१०.२०२१)