भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को मार भगाया !
चीन ऐसे आधिकारिक प्रतिपादन करता ही रहेगा । जब तक उसे उचित पाठ पढ़ाया नहीं जाता तब तक उसके उपद्रव नहीं रुकेंगे । भारत को उसके लिए सघन प्रयास करना चाहिए !
चीन ऐसे आधिकारिक प्रतिपादन करता ही रहेगा । जब तक उसे उचित पाठ पढ़ाया नहीं जाता तब तक उसके उपद्रव नहीं रुकेंगे । भारत को उसके लिए सघन प्रयास करना चाहिए !
जून २०२० में गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने अनेक चीनी सैनिकों को जान से मारने का अतुल्य पराक्रम दिखाया था । चीन ने अपनी इस पराजय को कभी भी स्वीकार नहीं किया होगा, इसलिए भारत को इस उपलक्ष्य में चीन की दुष्टता उजागर करना आवश्यक !
१. चीन द्वारा ताइवान पर दागे गए ११ क्षेपणास्त्रों में से ५ क्षेपणास्त्रों का जापान की सीमा में गिरना तथा उसकी कारणमीमांसा !
भारत चीन को ऐसे दुस्साहसी कृत्यों के विषय में कब पूछेगा ?
इस अवसर का लाभ लेकर भारत को चाहिए कि चीन को कूटनीतिक तथा भूराजनीतिक स्तर पर नष्ट करने हेतु प्रयास करे, प्रत्येक राष्ट्रप्रेमी नागरिक को ऐसा ही प्रतीत होता है !
रूस को बेलारूस में परमाणु अस्त्रों की तैनाती करने की अनुमति !
यदि यूक्रेन हथियार डालता है, तो चर्चा के लिए तैयार ! – रूस
प्रत्यक्ष नियंत्रण सीमा पर तनाव था, हमने हिंद महासागर क्षेत्र में युद्ध नौका तैनात की थी। परिस्थिति बिगडते ही चीन को सही उत्तर दे सकें, यह इसके पीछे का उद्देश्य था। चीन वर्ष २००८ से हिंद महासागर क्षेत्र में खुराफात कर रहा है।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कुछ अनुचित नहीं कहा है ; परंतु, चीन को मिरची लगने के कारण वह आगबबूला हो रहा है । इसकी अपेक्षा चीन को सीमा पर अपनी करतुतें रोकनी चाहिए तथा अक्साई चीन भारत को लौटाना चाहिए !
अब छोटा बांग्लादेश भी भारत को आंखें दिखा रहा है । इससे स्पष्ट होता है, कि भारत को आक्रामक विदेश नीति अपनाना कितना आवश्यक है !