भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अप्रत्यक्ष रूप से मुहम्मद यूनुस को उनके बयान के लिए फटकार लगाई !

नई दिल्ली – भारत बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बिम्सटेक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से अवगत है । अंततः बंगाल की खाडी लगभग ६,५०० कि.मी. लम्बी है । भारत के विदेश मंत्री डॉ. ने कहा कि इसकी सबसे लंबी तटरेखा भी है । एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य परामर्शदाता मोहम्मद यूनुस की अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना की । वे थाईलैंड में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोल रहे थे ।
कुछ दिन पूर्व, मोहम्मद यूनुस ने अपनी चीन यात्रा के समय कहा था कि पूर्वोत्तर भारत चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ है और समुद्र तक पहुंचने के लिए उसे हमारी नहरों से होकर गुजरना पडता है । जयशंकर ने उत्तर देते हुए कहा, ‘भारत की तटरेखा कितनी लंबी है ।’
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य परामर्शदाता मुहम्मद युनुस और अन्य उपस्थित हैं । मुहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक अलग बैठक का अनुरोध किया है; परंतु भारत ने अभी तक इस भेंट के लिए अपनी सहमति नहीं दी है ।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा,
१. बंगाल की खाडी में हमारी सबसे लम्बी तटरेखा है, जो अनुमानतः ६,५०० किमी. है । हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र सडकों, रेलवे, जलमार्गों, बिजली लाइनों और जलसेतुओं के असंख्य नेटवर्क के साथ बिम्सटेक के लिए संपर्क केंद्र के रूप में उभर रहा है ।
२. त्रिपक्षीय राजमार्ग के पूरा होने से भारत का पूर्वोत्तर भाग प्रशांत महासागर से जुड जाएगा, जो वास्तव में एक मील का पत्थर है ।
३. हम जानते हैं कि इस विशाल भूगोल में वस्तुओं, सेवाओं और लोगों के सुचारू प्रवाह के लिए हमारा सहयोग और सुविधा एक आवश्यक शर्त है । इन भू-रणनीतिक कारकों को ध्यान में रखते हुए, हम पिछले एक दशक से बिम्सटेक को दृढ कर रहे हैं।
४. भारत का मानना है कि सहयोग एक एकीकृत दृष्टिकोण है, न कि किसी एक को दूसरे पर चुनने का प्रकरण ।
संपादकीय भूमिकाभारत को बांग्लादेश से केवल शब्दों के माध्यम से बात नहीं करनी चाहिए, परंतु उसे उसकी जगह दिखाने और देश और हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई भी करनी चाहिए ! |