शारदीय नवरात्रि का शास्त्र और उस समय किए जानेवाले धार्मिक आचार !

पूरे भारत में अत्यंत उत्साह एवं भक्तिमय वातावरण में नवरात्रि के व्रत का पालन किया जाता है । नवरात्रि की अवधि में घटस्थापना, मालाबंधन, अखंडदीप, सप्तशतीपाठ, गागर (घडा) फूंकना, डांडिया खेलना आदि कृत्य देवी के व्रत के ही विविध अंग हैं ।

कोलकाता स्थित (बंगाल) श्री कालीघाट का जागृत श्री कालीमाता का मंदिर

१८ वीं शताब्दी में निर्मित श्री कालीघाट शक्ति उपासना का केंद्र है । वहां हुगली नदी के तट पर श्री कालीमाता का प्रसिद्ध मंदिर है । वह ५१ शक्तिपीठों में से एक है । यहां सती के दाएं चरण की ४ उंगलियां गिरी थीं ।

देवताओं की उपासना भक्ति भावसे करें !

शक्ति शब्दका क्या अर्थ है, शक्तिद्वारा धारण किए ३ मुख्य रूप एवं उनकी विशेषताएं कौनसी हैं, श्री लक्ष्मी एवं दुर्गा, पार्वती एवं काली माता आदि की क्या विशेषताएं हैं, आदि प्रश्नोंके उत्तर इस ग्रन्थमें दिए हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी और श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी देवी ही हैं । देवी से मिलने देवी (श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी) गई थी । देवी ने इस भेंट का आनंद वर्षा के रूप में व्यक्त किया ।

नवधाभक्ति – एक विश्लेषण

भक्तिमार्गमें नवधाभक्तिका उल्लेख है । श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन (टिप्पणी), ये हैं वे भक्तिके नौ प्रकार ।

देहली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ‘ऑनलाइन’ प्रवचन एवं सामूहिक नामजप का आयोजन

सनातन की टुपुर भट्टाचार्य ने श्री गणेश चतुर्थी का महत्त्व, श्री गणेश पूजन, श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन कैसे करें ?, आपातकाल में गणेशोत्सव कैसे मनाएं ? इत्यादि विषयों पर मार्गदर्शन किया ।

श्री क्षत्रिय मराठा समाज एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में श्री गणेशभक्तों के लिए ऑनलाइन प्रवचन !

आज श्री गणेश का अनादर करनेवालों का विरोध करना, यह भी एक प्रकार से गणेशजी की भक्ति ही है । पर्यावरण रक्षा के लिए पूरे वर्ष कुछ भी न बोलनेवाले और धर्म न माननेवाले आज हिन्दुओं को गणेशमूर्ति कैसी हो, विसर्जन कैसा हो, इसके विषय में परामर्श दे रहे हैं ।

फरीदाबाद (हरियाणा) में ‘श्री गणपति’ विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ मार्गदर्शन और सामूहिक ‘अथर्वशीर्ष पठन’ को जिज्ञासुओं का उत्सफूर्त प्रतिसाद

अथर्वशीर्ष के विषय में इतनी जानकारी नहीं थी, जो आज प्राप्त हुई । अथर्वशीर्ष का पठन करते हुए ठंडी हवा का झोंका आने पर जैसी शीतलता लगती है, उसी प्रकार की अत्यधिक शीतलता और शांति अनुभव हो रही थी ।

‘मंगलम् कपूर’ के विज्ञापन में प्रभु श्रीरामका अपमान !

हिन्दुओं में धर्माभिमान न होने के कारण इस प्रकार विविध माध्यमों से हिन्दुओं के देवताओं का अपमान किया जाता है ! – संपादक