प्रभु श्रीराम का अनादर रोकने हेतु झारखंड में ऑनलाइन प्रथम सूचना विवरण दर्ज (FIR)
इस प्रकार अन्य धर्मियों के श्रद्धाकेंद्रों का उपयोग कर विज्ञापन बनाने का साहस मंगलम कपूर की निर्मिति करनेवाला प्रतिष्ठान करता क्या ? हिन्दुओं में धर्माभिमान न होने के कारण इस प्रकार विविध माध्यमों से हिन्दुओं के देवताओं का अपमान किया जाता है ! – संपादक |
उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक
कतरास (झारखंड) – ‘कलर्स’ मनोरंजन वाहिनी (चैनल) पर ‘मंगलम कपूर’ का विज्ञापन प्रसारित हो रहा है । इस विज्ञापन में श्रीराम का मानवीकरण किए जाने से करोडों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं । ‘यह विज्ञापन निरस्त कर हिन्दुओं से क्षमा मांगें’, ऐसी मांग कतरास के श्री. दीपक केशरी ने ऑनलाइन प्रथम सूचना विवरण (FIR) के माध्यम से की है ।
यह विज्ञापन रियान मेनडोन्का ने सर्वप्रथम ‘यू ट्यूब’ पर पोस्ट किया । इस विज्ञापन में श्रीराम की वेशभूषा किए युवक को उसके चल-दूरभाष पर अपनी मां का छायाचित्र दिखाई देता है । तब उसे अचानक मां ने कपूर लाने के लिए बताया था उसका स्मरण होता है । तदुपरांत युवक एक दुकान में जाता है और दुकानदार से कपूर मांगता है । उस समय दुकानदार पूजा कर रहा होता है । दुकानदार का नौकर उसे साधारण कपूर लाकर देता है । तभी दुकानदार का ध्यान युवक की ओर जाता है । ‘साक्षात श्रीराम कपूर मांग रहे हैं’, ऐसा अनुभव होने पर दुकानदार नौकर द्वारा दिया कपूर फेंक देता है और तिजोरी से ‘मंगलम कपूर’ की डिब्बी निकालकर श्रीराम की वेशभूषा किए युवक के हाथ में देता है और नमस्कार करता है ।
श्री. केशरीजी ने बताया कि ‘‘हिन्दुओं में धर्माभिमान न होने के कारण ही विविध माध्यमों से हिन्दू धर्म का अपमान किया जा रहा है । सनातन प्रभात में प्रकाशित समाचार से मुझे यह बात पता चली । अतः संवैधानिक मार्ग से मैं इसका विरोध कर रहा हूं ।’’