शरीयत में महिलाओं को सार्वजनिक स्थान पर बोलने का अधिकार न होते हुए भी लडकी ने ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा कैसे लगाया ?

हिजाब के नाम पर बहस करनेवाले कुछ लोग निरंतर शरीयत का हवाला देते हैं । शरीयत कानून के अनुसार ‘जिस देश में शरीयत लागू नहीं, उस देश में मुसलमान नहीं रह सकते ।’ ऐसे इस्लाम में महिलाओं की आवाज पर भी बंधन है । शरीयत में कहा गया है कि ‘लडकियों को सार्वजनिक स्थान पर बोलने का भी अधिकार नहीं ।’

पाक में ८२ प्रतिशत लडकियों पर परिवार के सदस्यों द्वारा बलात्कार होते हैं ! – पाकिस्तानी महिला अधिवक्ता

पाक एवं अन्य इस्लामी देशों में लडकियां छोटी आयु से ही हिजाब, बुरका आदि पहनती हैं । ‘ऐसा होते हुए भी वहां बलात्कार की मात्रा अधिक क्यों ?’, क्या इस प्रश्न का उत्तर भारत में मुसलमान महिलाओं को हिजाब डालने का समर्थन करनेवाले देंगे ?

‘विशिष्ट’ समाज की महिलाओं पर उनके घर पर ही कुदृष्टि रखी जाने से वे हिजाब डालें ! – साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर

हिजाब केवल मदरसों तक ही मर्यादित रखना चाहिए । विद्यालय-महाविद्यालयों के नियम तोडे जाना सहन नहीं किया जाएगा, ऐसा विधान भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने किया ।

हिजाब पहनने की मांग और उसके पीछे स्थित राष्ट्रद्रोही षड्यंत्र !

कर्नाटक के विद्यालय-महाविद्यालय आजकल स्वधर्म का वर्चस्व दिखानेवाली प्रयोगशालाएं बन गई हैं । ‘मुसलमान छात्राओं की हिजाब पहनेने की मांग उनका हठ है अथवा जिहाद का एक भाग है ?’, इसकी शंका होती है । इन विद्यालयों से धार्मिक कट्टरतावाद का बीज बोया जा रहा है ।

एक दूसरे के विषय में द्वेष भावना उत्पन्न करने वाला विष बच्चों के मन में घोलना अयोग्य ! – सद्गुरू जग्गी वासुदेव

समाज को एकत्रित करने के सूत्रों की ओर देखने की अपेक्षा दुर्भाग्य से ‘उसका विभाजन कैसे होगा’, इस ओर ध्यान दिया जाता है । मिट्टी में सभी को एकत्रित लाने की क्षमता है ।