कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद का मामला
नई दिल्ली – समाज को एकत्रित करने के सूत्रों की ओर देखने की अपेक्षा दुर्भाग्य से ‘उसका विभाजन कैसे होगा’, इस ओर ध्यान दिया जाता है । मिट्टी में सभी को एकत्रित लाने की क्षमता है । छोटी आयु में मुक्त रुप से बढने का वातावरण निर्माण होना चाहिए ।
(सौजन्य : Sadhguru)
एक दूसरे के विषय में द्वेष भावना उत्पन्न करने वाला विष बच्चों के मन में घोलना अयोग्य है । प्रत्येक नई पीढी पर पहले की पीढियों के विचार और पूर्वाग्रह थोपने नहीं चाहिए, ऐसा वक्तव्य ‘ईशा फाऊंडेशन’ इस आध्यात्मिक संस्था के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने कर्नाटक में चल रहे ‘हिजाब’ विवाद पर एक चैनल द्वारा लिए साक्षात्कार में किया ।