अध्यात्म विहीन विध्वंसक विज्ञान का साधना ही एकमात्र उत्तर !
‘विज्ञान के शोध के कारण सभी देश एक-दूसरे का विध्वंस प्रभावी रूप से कर सकते हैं ।
‘विज्ञान के शोध के कारण सभी देश एक-दूसरे का विध्वंस प्रभावी रूप से कर सकते हैं ।
‘सौ सुनार की एक लोहार की ।’, ऐसी कहावत है। इसका अर्थ है, ‘सुनार के १०० चोट करने पर जो काम होता है, वही लोहार की एक चोट से होता है ।’ यही सनातन प्रभात नियतकालिक के संदर्भ में होता है ।
‘अधिकांश अन्य पंथी धन का प्रलोभन देकर, कपट अथवा बलपूर्वक हिन्दुओं को अपने पंथ में खींचकर लाते हैं । इसके विपरीत हिन्दू धर्म में बताई साधना से आनंद प्राप्त होने के कारण उसका महत्त्व समझ में आनेपर समझदार अन्य पंथी हिन्दू धर्म का पालन करते हैं ।’
‘रामायण, छत्रपति शिवाजी महाराज इत्यादि पर केवल प्रवचन न करें, अपितु वानरसेना, मावले (सैनिक) तैयार करें !’
इन विचारधाराओं को परास्त कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने पर ही भारत की सभी क्षेत्रों में प्रगति होगी ! – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले
‘नेताओं को पैसे देकर कार्यकर्ता इकट्ठा करने पडते हैं । इसके विपरीत संतों के पास अर्पण देनेवाले कार्यकर्ता, अर्थात साधक और शिष्य होते हैं ।’
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के इस अवतारी कार्य को संक्षेप में रखने का प्रयास किया है । इससे पूर्व ऐसा कार्य नहीं हुआ है । इस कार्य से आनेवाले कुछ वर्षाें में पृथ्वी पर धर्मराज्य की अर्थात रामराज्य की स्थापना होगी है ।
अखिल विश्व में सनातन धर्म का प्रचार करनेवाले एवं विश्वकल्याण के लिए अविरत प्रयत्नरत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के नागोठणे (रायगड) स्थित जन्मस्थान की ओर जानेवाले मार्ग का नाम ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले मार्ग’ रखकर ग्रामवासियों ने उनके कार्य का गौरव किया ।
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन संस्था की ओर से यहां भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ निकाली गई । इस शोभायात्रा के माध्यम से १५० से अधिक हिन्दुओं ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए एकत्रित होने का संकल्प लिया ।
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ८१ वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ निकाली गई । यहां के हिरा मील रोड पर स्थित अरविंद नगर से धर्मध्वज का अधिवक्ता भानुप्रताप सिंह पँवार के करकमलों द्वारा विधिवत पूजन कर शोभायात्रा प्रारंभ हुई ।