सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के नागोठणे स्थित जन्मस्थान की ओर जानेवाले मार्ग को उनका नाम देकर ग्रामवासियों द्वारा उनके धर्मकार्य का गौरव !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले मार्ग’ का अनावरण !

नागोठणे (जिला रायगड, महाराष्ट्र) – अखिल विश्व में सनातन धर्म का प्रचार करनेवाले एवं विश्वकल्याण के लिए अविरत प्रयत्नरत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के नागोठणे (रायगड) स्थित जन्मस्थान की ओर जानेवाले मार्ग का नाम ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले मार्ग’ रखकर ग्रामवासियों ने उनके कार्य का गौरव किया ।

बाएं से १. श्री. मोहन नागोठणेकर, २. ह.भ.प. बापू रावकर, ३. श्री. सचिन मोदी, ४. श्री. अभय वर्तक, ५. डॉ. रोहिदास शेळके, ६. सरपंच डॉ. मिलिंद धात्रक, ७. श्री. किशोरशेठ जैन, ८. फलक का अनावरण करते हुए दाहिनी ओर सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी, ९. उपसरपंच श्रीमती रंजना राऊत, १०. श्रीमती स्मिता नवलकर, ११. पू. (श्रीमती) संगीता जाधवजी

सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी एवं मान्यवरों के करकमलों द्वारा १२ मई को इस मार्ग के नामफलक का अनावरण हुआ । शिवसेना के रायगड जिले के सहसंगठन संपर्क प्रमुख श्री. किशोरशेठ जैन, नागोठणे के सरपंच डॉ. मिलिंद धात्रक, उपसरपंच श्रीमती रंजना रवींद्र राऊत, सनातन की साधिका श्रीमती वर्षा रावकर के साथ ही सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की ममेरी बहन श्रीमती शकुंतला ओक, ग्रामवासी एवं सनातन के साधकों ने इस मंगल समारोह का लाभ लिया । इस समारोह के लिए पू. (श्रीमती) संगीता जाधवजी एवं ह.भ.प. बापू रावकर की वंदनीय उपस्थिति थी ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के नागोठणे (रायगड) स्थित जन्मस्थान की ओर जानेवाले मार्ग

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ८१ वें जन्मदिन की उचितता साध्य कर यह समारोह संपन्न हुआ । १२ मई १९४२ को (ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी) को रायगड जिले के नागोठणे की ‘ब्राह्मणआळी’ के ‘वर्तकवाडा’ वास्तु में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का जन्म हुआ । इस वास्तु की ओर जानेवाले मार्ग का नामकरण ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले मार्ग’ किया जाने का प्रस्ताव नागोठणे ग्रामपंचायत में एकमत से पारित किया गया है ।