सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘सौ सुनार की एक लोहार की ।’, ऐसी कहावत है। इसका अर्थ है, ‘सुनार के १०० चोट करने पर जो काम होता है, वही लोहार की एक चोट से होता है ।’ यही सनातन प्रभात नियतकालिक के संदर्भ में होता है । सनातन प्रभात के कुछ सहस्र पाठक राष्ट्र-धर्म संबंधी जो कार्य कर रहे हैं, वह कार्य लाखों पाठकसंख्या वाले दैनिकों के पाठक नहीं कर सकते !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक