सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विज्ञान के शोध के कारण सभी देश एक-दूसरे का विध्वंस प्रभावी रूप से कर सकते हैं । इसके विपरीत साधना सिखाने से सभी देशों की अगली पीढी के नागरिकों में एक परिवार की भावना निर्माण होगी । अतः तृतीय विश्वयुद्ध के उपरांत पृथ्वी पर सर्वत्र परिवार भावना होगी !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक