नक्षलवाद की आड में हिन्दू संस्कृति नष्ट करने का षड्यंत्र ! – अधिवक्त्या (श्रीमती) रचना नायडू, छत्तीसगढ
नक्षलवाद के विरोध में लडने के लिए देश के सैनिक सक्षम हैं; परंतु जब नक्सलियों को मुठभेड में मारा जाता है, तब कुछ मानवतावादी गिरोह नक्सलियों के पक्ष में खडे होते हैं । नक्सली जब छोटे बच्चों को मारते हैं, तब यह मानवतावादी लोग सामने नहीं आते । नागरिकता संशोधन कानून का विरोध, राष्ट्रघातक किसान आंदोलन के समर्थक, कोरेगांव-भीमा दंगों में संलिप्त शहरी नक्सलियों का समर्थन, शाहीनबाग आंदोलन का समर्थन जैसी अनेक गतिविधियां चल रही हैं । नक्षलवादी देश में अनेक समस्याएं होने का आभास दिलाते हैं; परंतु सर्वाधिक हिंसक गतिविधियां नक्सली ही करते हैं । सडक निर्माण के लिए आई गाडियां जलाकर आदिवासियों की सुविधाओं के लिए बनाई जा रही सडक नहीं बनाने देते । नक्सली ही सर्वाधिक वृक्ष काटते हैं । नक्सलियों द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में बडे स्तर पर बमविस्फोट किए जा रहे हैं । गांव के आदिवासियों को विस्थापित किया जाता है । हम स्वतंत्रता का स्वर्णमहोत्सवी वर्ष मना रहे हैं; परंतु आदिवासी क्षेत्रों में अभीतक प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं पहुंची है । इन नक्सलियों द्वारा कभी चर्च पर आक्रमण करने की घटना हमने नहीं सुनी है । देश की स्वाधीनता के उपरांत ईसाई धर्मप्रचारकों की ओर से आदिवासियों में ‘आप पीडित हैं’, यह भावना जागृत की गई । उन्हें भारतीय संस्कृति से तोडा गया । छत्तीसगढ में प्राचीन भारतीय संस्कृति है । यह संस्कृति नष्ट कर आदिवासियों का धर्मांतरण किया जा रहा है । जो हमारे साथ युद्ध में जीत नहीं सके, वे उन्होंने इस पद्धति से हमारी संस्कृति नष्ट करने का प्रयास किया । इसके विरुद्ध लडने के लिए सभी को एकत्रित होकर कार्य करना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन छत्तीसगढ की अधिवक्ता (श्रीमती) रचना नायडू ने किया ।‘नक्सलियों, ईसाईयों और वामपंथियों का कुटील गठबंधन और छत्तीसगढ के आदिवासी हिन्दुओं की स्थिति’, इस विषय पर वे ऐसा बोल रही थीं । इस अवसर पर व्यासपीठ पर बंगलुरू (कर्नाटक) के ‘विराट हिन्दू स्थान संघम्’के राज्य महासचिव श्री. गोपी के., ‘लष्कर-ए-हिन्द’ के राष्ट्रीय एवं संस्थापक अध्यक्ष श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल और सनातन के धर्मप्रचारक पू. रमानंद गौडाजी उपस्थित थे ।
देश के वास्तविक शत्रुओं को पहचान कर अपनी भूमि की रक्षा करना आवश्यक ! – श्री. गोपी के., राज्य महासचिव, विराट हिन्दू स्थान संघम्,
बंगलुरू, कर्नाटक
विश्व के अन्य पंथियों को स्वयं का राष्ट्र है; परंतु हिन्दुओं का कोई स्वतंत्र राष्ट्र नहीं है । पाकिस्तान भारत के अनेक टुकडे करने का प्रयास कर रहा है । उसके लिए पाकिस्तान के कुछ समूह देश में कार्यरत हैं । उसमें वे निपुण हैं । देश के वास्तविक शत्रुओं को पहचान कर स्वयं की भूमि की रक्षा करना आवश्यक है । देश में काले धन का बडे स्तर का बडे स्तर पर निवेश किया जा रहा है । इन पैसों का निवेश करनेवाले कौन हैं ?, इसे समझ लेना आवश्यक है । ईसाई और मुसलमानोंसहित अन्य पंथीय लोगों को राजनीतिक सहायता मिलती है । देश के सभी राज्यों में हिन्दुओं का हित बोलनेवाले नेता चुनने के लिए हमें प्रयास करने होंगे ।