गोवा के विध्वंसित मंदिरों के विषय में न्यायालयीन लडाई लडने के लिए प्रमाण देने का आवाहन

विध्वंस किए गए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों का देशव्यापी अभियान!

रामनाथी (गोवा), १३ जून (संवाददाता) – राष्ट्रीयस्तर पर मुघलों, पोर्तुगीजों आदि आक्रांताओं ने केवल श्रीराममंदिर, काशी, मथुरा, कुतुबमिनार, ताजमहल और भोजशाला ही नहीं, अपितु सहस्रों अन्य मंदिर भी गिराए हैैं । भारत को स्वाधीनता मिली; परंतु हिन्दुओं के प्राचीन धार्मिक स्थल उसी प्रकार से विदेशी गुलामी में रह गए । इसलिए आक्रांताओं द्वारा विध्वंस किए गए मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए समस्त मंदिर संगठनों, भक्तों, पुरोहितों और हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से देशव्यापी अभियान चलाने का संकल्प लिया गया । गोवा के विध्वंसित मंदिरों के संबंध में प्रमाण मिले, तो उस विषय में न्यायालयीन लडाई लडी जाएगी, ऐसा निश्चय गोवा के दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र राष्ट्र अधिवेशन’के द्वितीय दिन पर अधिवक्ताओं द्वारा किया गया । १३ जून को श्री रामनाथ देवस्थान के विद्याधिराज सभागार (फोंडा, गोवा) में आयोजित पत्रकार परिषद में इस न्यायालयीन लडाई के लिए गोवावासियों से उनके पास उपलब्ध प्रमाण हिन्दू जनजागृति समिति को उपलब्ध कराने का आवाहन भी किया गया ।

बाईं ओर से अधिवक्ता मदन मोहन यादव, श्री. सुभाष वेलिंगकर, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, श्री. रमेश शिंदे एवं श्री. जयेश थळी

इस अवसर पर व्यासपीठ पर सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, वाराणसी के अधिवक्ता मदन मोहन यादव, गोवा के ‘भारत माता की जय’ संघ के संघचालक श्री. सुभाष वेलिंगकर, ‘गोवा मंदिर महासंघ’के सचिव श्री. जयेश थळी और हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे उपस्थित थे ।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

मंदिरों का पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक परंपरा को पुनर्स्थापित करने के लिए शपथबद्ध ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

इस अवसर पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मंदिरों का पुनर्निर्माण करने के इस अभियान में निम्न सूत्र हमारे शोधकार्य का केंद्रबिंदु होगा । इसमें विवादित स्थल का पौराणिक महत्त्व, स्थल को नष्ट किए जाने की ऐतिहासिक साक्ष, अभियोग का इतिहास, प्रमाणों और कानूनी आधार आदि का अध्ययन किया जाएगा । शोधकार्य में मंदिरों को गिराए जाने का प्रमाणित हुआ, तो हम ऐसे मंदिरों के जीर्णाेद्धार के लिए न्यायालयीन लडाई आरंभ करेंगे । आज के समय में अनेक विवादित स्थल पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नियंत्रण में हैं तथा प्रस्तुत विभाग अधिनियम १९५८ धारा १६ के विरुद्ध कार्य कर रहा है । एक सच्चे हिन्दू के रूप में हम ऐसे मंदिरों का पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक परंपरा पुनर्स्थापित करने की शपथ ले रहे हैं ।

श्री. सुभाष वेलिंगकर

हिन्दू श्रद्धालुओं को आक्रमण के विरुद्ध एकत्रित होकर लडाई लडनी चाहिए ! – श्री. सुभाष वेलिंगकर

इस अवसर पर ‘भारत माता की जय’ संगठन के गोवा राज्य संघचालक श्री. सुभाष वेलिंगकर ने कहा कि पोर्तुगिजों के काल में गोवा में १ सहस्र से अधिक मंदिर ध्वस्त किए गए । उनमें से केवल २ ही मंदिर चर्च के आक्रमण से बच गए हैं, जिनमें से एक वरेण्यपुरी (वेर्णा) का मंदिर और दूसरा श्री विजयादुर्गादेवी का मंदिर है । इस मंदिर को राज्य पुरातत्व विभाग के अंतर्गत संरक्षित स्थल के माध्यम से घोषित किए जाने के उपरांत भी चर्च के माध्यम से इस मंदिर की भूमि हडपने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है । हिन्दू श्रद्धालुओं को इस आक्रमण के विरोध में एकत्रित होकर लडाई लडनी पडेगी ।