संपादकीय : अमेरिका की दादागिरी को महत्त्व न दें !
भारत को अमेरिका पर पाकिस्तान के साथ हथियारों का व्यापार न करने के लिए दबाव डालना आवश्यक !
भारत को अमेरिका पर पाकिस्तान के साथ हथियारों का व्यापार न करने के लिए दबाव डालना आवश्यक !
इससे फिर से सिद्ध होता है कि अमेरिका भारत का मित्र नहीं हो सकता। भारतीयों को सदैव याद रखना चाहिए कि अमेरिका एक विश्वासघाती, स्वार्थी और अवसरवादी देश है !
पाकिस्तान तथा अन्य देशों में भारत विरोधी आतंकवादियों की हो रही हत्याओं को लेकर अक्रम ने यह वक्तव्य दिया है ।
पीछले २-३ वर्षों से अमेरिका में ‘अंतरिक्ष पर्यटन’ का बोलबाला है । विशेषकर निजी प्रतिष्ठानों में इसके लिए होड लगी है ।
अमेरिका तथा अन्य विदेशी विश्वविद्यालयोेंं में हिन्दू धर्मसंबंधी पाठ्यक्रम सीखाना आरंभ होने और उसे प्रचंड प्रतिसाद मिलने के पश्चात ही भारत के विश्वविद्यालय जग जाएंगे एवं वैसा पाठ्यक्रम सीखाना आरंभ करेंगे !
भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ बताने से नाराज हैं अमेरिकी हिंदू !
भारतीय वंश के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने अमेरिका को दिखाया आइना !
यह अमेरिका की दादागिरी ही है । पहले रूस और अब ईरान के साथ व्यापार बढाना, यह भारत का व्यक्तिगत मामला है । इसमें टांग अडाने का अमेरिका को कोई अधिकार नहीं !
विस्कॉनसिन के मिलवॉकी से मिली उम्मीदवारी !
इसे कहते हैं धूर्तता ! वर्ष २०२२ में भारत को अकेला करने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देश भारत पर रूस से तेल न खरीदने के लिए दबाव बना रहे थे । भारत सभी विरोधों का सामना कर सक्षम होकर अकेला खडा रहा ।