मुख्यमंत्री कार्यालय न जाने और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर न करने की शर्त !
नई देहली – मद्य घोटाले के प्रकरण में पिछले १७७ दिनों से दंडीत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को १३ सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने १० लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी । केजरीवाल को मद्य घोटाले के प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (‘ईडी’) ने बंदी बनाया था। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल की बंदी को अवैध नहीं ठहराया था; किंतु न्यायालय ने कहा कि ‘किसी भी नेता को अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता ।’
Arvind Kejriwal granted bail by Supreme Court, but with strict conditions!
❌ No visits to the CM office or cannot sign any official files#ArvindKejriwal I अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/zslLTD71xT
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 13, 2024
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्तें
१. केजरीवाल किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे।
२. वह मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ-साथ सचिवालय भी नहीं जा सकेंगे ।
३. मद्य घोटाले के मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
४. मध्य घोटाले के मामले में कोई भी धारीका (फ़ाइल) न तो देख पाएगे और न ही मंगा पाएगे।
५. जांच में सहयोग करना होगा तथा सुनवाई के समय उपस्थित भी रहना होगा ।
सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए क्या कहा ?
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ”हमने जमानत के विषय में चर्चा की है । कई निर्णयो में माना गया है कि किसी को बिना सुनवाई के लंबे समय तक कारावास में रखना अयोग्य है। संबंधित व्यक्ति के कारावास से बाहर आने पर यदि मुकदमेबाजी या समाज को किसी प्रकार की हानि होने की संभावना हो तो दीर्घावधि कारावास आवश्यक है। इस मामले के संदर्भ में ऐसा नहीं है । इस में समय लगेगा । इसलिए आरोपी को जमानत पर मुक्त करने का आधार बनता है ।