कर्नाटक सरकार शीतकालीन सत्र में लाएगी धर्मांतरण विरोधी विधेयक !
२० दिसंबर से प्रारंभ होने वाले कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा । ऐसी जानकारी ऊर्जा मंत्री व्ही. सुनील कुमार ने दी ।
२० दिसंबर से प्रारंभ होने वाले कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा । ऐसी जानकारी ऊर्जा मंत्री व्ही. सुनील कुमार ने दी ।
इससे स्पष्ट है, कि अनुच्छेद ३७० के निरस्त होने और सुरक्षा बलों द्वारा प्रतिदिन जिहादी आतंकवादियों को मारने के बाद भी, लोगों में यह भावना है कि, ‘कश्मीर अभी भी भारतीयों के रहने के लिए सुरक्षित नहीं है ।’ देशभक्तों को लगता है, कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए !
जिन पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व है, वही इस प्रकार का कानून-विरोधी कृत्य कर रहे हो, तो साधारण जनता किसकी ओर देखेगी ?
डॉ. श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा कि, वर्ष २०१७ में केंद्र सरकार ने ‘वर्ष २०२२ तक देश में डेढ लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे’, ऐसी घोषणा की थी; परंतु ४ वर्षों बाद भी लगभग ५५ प्रतिशत अर्थात ८० सहस्र स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं ।
इस जानकारी पर भारत का एक भी हिन्दू विश्वास कर सकता है क्या ? इस प्रकार की जानकारी देकर श्रीनगर पुलिस आतंकवादियों के अत्याचारों को छुपाने का प्रयास कर रही है क्या ? ऐसा प्रश्न सामने आता है !
चाहे किसी भी दल की सरकार हो, वह पुजारी, साधु, संतों की सुरक्षा करने में सदैव ही असफल होती है । यह स्थिति हिन्दू राष्ट्र की अनिवार्यता स्पष्ट करती है ।
ऐसी मांग करनी पडती है ? अभी तक की सरकारों द्वारा गोहत्या बंदी कानून और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना आवश्यक था, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
मोबाइल पर लाखों रुपए खर्च करने की बजाय लोगोें को गाय की रक्षा के लिए तलवार और अन्य शस्त्र खरीदने चाहिए । यदि लोगों को लाखों रुपए के मोबाइल लेना जमता है, तो वे अपनी गायों की रक्षा के लिए निश्चित ही शस्त्र खरीद कर घर में रख सकते हैं ।
शत्रुराष्ट्र का गुणगान करने वालों को ‘देशद्रोही’ घोषित कर सरकार को उन्हें आजीवन कारावास में डालना चाहिए !
भारतीय मुद्रा पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का छायाचित्र छापने की मांग करने वाली याचिका कोलकाता उच्च न्यायालय में प्रविष्ट की गई है । इस पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस विषय में उत्तर देने के लिए नोटिस जारी किया है । इस पर २१ फरवरी २०२२ के दिन अगली सुनवाई होने वाली है ।