उच्चतम न्यायालय की ओर से हिन्दू विरोधी पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका रद्द !
कोरोना महामारी के समय अय्यूब ने रोगियों के लिए धन एकत्रित किया था । इस धन का उपयोग पीडितों के लिए न करते हुए स्वयं के हित के लिए प्रयोग किए जाने का आरोप उन पर किया गया है ।
कोरोना महामारी के समय अय्यूब ने रोगियों के लिए धन एकत्रित किया था । इस धन का उपयोग पीडितों के लिए न करते हुए स्वयं के हित के लिए प्रयोग किए जाने का आरोप उन पर किया गया है ।
अवैध संपत्ति के प्रकरण में छत्तीसगढ राज्य के मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के निकटवर्तीय अधिकारियों के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ‘ईडी’ ने 11 अक्टूबर प्रात: 5 बजे छापा डाला है ।
देशभक्तों की मांग है कि पी.एफ.आई. के ठिकानों पर केवल छापेमारी करना व्यर्थ है, वास्तव में सरकार को इसकी राष्ट्र द्रोही गतिविधियों के कारण इसे समूल नष्ट करके करने हेतु इस पर त्वरित प्रतिबंध लगाना चाहिए !
केंद्रीय जांच संस्थाऒ ने देर से ही सही किन्तु जिहादी संगठन पी.एफ.आई. के विरुद्ध कार्रवाई का प्रारंभ किया है जो स्वागतार्ह है। अब केंद्र सरकार को इससे भी आगे बढ़कर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और इसे समूल नष्ट करना चाहिए, देशभक्त जनता यही सोचती है !
देहली की आप सरकार के आबकारी नीति के भ्रष्टाचार प्रकरण में ‘ईडी’ ने (प्रवर्तन निदेशालय ने) ‘एन.सी.आर’ सहित (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित) देशभर में छापेमारी आरंभ की है ।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में नौकरी घोटाले के संदर्भ में केंद्रीय अन्वेषण विभाग ने (सीबीआई ने) इस दल के नेताओं के घरों पर छापा मारा ।
देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि, यह प्रस्ताव बीजेपी की ओर से आया है !
‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (पी.एम्.एल्.ए.) कानून के अंतर्गत बंदी के लिए प्रवर्तन निदेशालय के (‘ईडी’के) अधिकार सर्वोच्च न्यायालय ने कायम रखा है । इस कानून के अंतर्गत व्यवस्थाओं को संविधानात्मक आवाहन देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने यह निर्णय दिया ।
वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार चल रही जांच का विरोध करने वाली कांग्रेस कानून द्रोही एवं जनताद्रोही है ! ध्यान दें कि कांग्रेसी कभी नहीं कहते कि ‘इस प्रकरण में दोषियों की जांच के उपरांत वास्तविकता जनता के सामने आना चाहिए ! किन्तु वे हिन्दुओं के प्रकरण में ऐसा दृष्टिकोण देने से नहीं चूकते !
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ´नेशनल हेराल्ड ´ के प्रकरण में २१ जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पूछताछ की गई । इस जांच के विरोध में कांग्रेस द्वारा ‘सत्याग्रह’ के नाम पर प्रदर्शन और आंदोलन किए गए ।